पार्थिव पटेल ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरआत 2002 में 17 साल की उम्र में की थी। पार्थिव पटेल की जगह 2004 में महेंद्र सिंह धोनी ने टीम में ली थी। उसके बाद से पार्थिव पटेल टीम में अंदर-बाहर होते रहे है। इसी विषय पर बात करते हुए पार्थिव पटेल ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह इसलिए अपने आप को बदकिस्मत नहीं समझते क्योंकि वह महेंद्र सिंह के युग में खेल रहे थे।
पार्थिव ने कहा कि "मैं अपने को धोनी युग में खेलने के कारण अनलकी नहीं समझता। मैंने उनसे पहले अपना करिअर शुरू किया था। मेरे पास उनसे पहले प्रदर्शन करने का मौका था। धोनी इसलिए टीम में आए क्योंकि मैंने कुछ सीरीज अच्छी नहीं खेली और मुझे टीम से हटा दिया गया। मुझे पता है कि लोग सहानुभूति जताने के लिए ऐसा कहेंगे कि मैं गलत युग में पैदा हुआ लेकिन मेरा ऐसा मानना नहीं है। धोनी ने जो हासिल किया वह बेहद-बेहद खास था और उन्होंने ऐसा इसलिए किया कि उन्होंने अवसरों को भुनाया।"
पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने 2016 में रणजी खिताब जीता था। उन्होंने भारत के लिए अंतिम टेस्ट 2018 में खेला था। जबकि पिछली बार वह वनडे प्रारूप में 2012 में खेले थे।