भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता इरफान खान का बुधवार 29 अप्रैल को निधन हो गया। इरफान पिछले लम्बे समय से कैंसर से पीड़ित थे, जिसका इलाज उन्होंने इंग्लैंड में भी करवाया। हालांकि इरफान को हुए न्यूरोएंड्रोक्राइन नाम के इस कैंसर के बारे में अधिक जानकारी नहीं हैं, और इस बीमारी के बेहद दुर्लभ होने के चलते इसका कोई इलाज भी नहीं हैं। इरफान ने खुद भी इस बीमारी को क्रिकेट की तरह अनिश्चितताओं का खेल बताया था।
इरफान इंग्लैंड के जिस हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रहे थे उसके सामने ही क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाला लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड मौजूद था जिसके बारे में उन्होंने उस समय भी जिक्र किया था। उस समय अपनी बीमारी की जानकारी देते हुए कुछ मीडिया संस्थानों को लिखे अपने पत्र में इरफान ने बताया था कि क्रिकेट के इस मक्का में जाने का उनका बचपन का सपना था।
"जैसा कि मैं सूखा, थका हुआ, सूचीहीन तरीक से अस्पताल में प्रवेश कर रहा था, मुझे शायद ही एहसास हुआ कि मेरा अस्पताल लॉर्ड्स स्टेडियम के ठीक सामने था। मेरे बचपन के सपने का मक्का। दर्द के बीच, मैंने एक मुस्कुराते विवियन रिचर्ड्स का पोस्टर देखा। जैसे कुछ हुआ ही नहीं, मानो वह दुनिया कभी मेरी थी ही नहीं," इरफान ने कहा।
"इस हॉस्पिटल में मेरे से ऊपर कोमा वार्ड भी था। एक बार जब में अस्पताल के कमरे की बालकनी में खड़ा था तो इस चीज ने मुझे झकझोर दिया कि जीवन और मौत के खेल के बीच बस एक सड़क हैं। एक तरफ अस्पताल हैं और दूसरी तरफ स्टेडियम। मानो यहां कोई भी चीज ऐसी नहीं हैं जो खुद की निश्चितता का दावा कर सके, न तो अस्पताल और न ही स्टेडियम जिसने मुझे तोड़ दिया," इरफान ने कहा।
इरफान खान के इस पत्र से ये साफ झलक रहा था कि वे अब आस छोड़ चुके हैं और जो कुछ भी था उससे खुद लड़ना चाहते थे लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका।