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पाकिस्तानी क्रिकेट की बदहाली का कारण रही तब्लीगी जमात, इन क्रिकेटरों ने निभाई अहम भूमिका

पाकिस्तानी क्रिकेट की बदहाली का कारण रही तब्लीगी जमात, इन क्रिकेटरों ने निभाई अहम भूमिका

इंजमाम ने अपनी कप्तानी के दौरान ही नहीं संन्यास के बाद चयनकर्ता के तौर पर भी क्रिकेटरों की जमात में भर्ती कराई।

इंजमाम उल हक | Getty

पाकिस्तान क्रिकेट टीम एक समय एशिया की सबसे खतरनाक टीमों में से एक मानी जाती थी, लेकिन आतंकवाद और फिक्सिंग ने इस टीम की छवि को विश्व क्रिकेट में पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। हालांकि टीम के प्रदर्शन में गिरावट आने का कारण इससे बेहद अलग तब्लीगी जमात रहा हैं। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम काफी लम्बे समय से इसके साए में हैं, जिसके कारण समय के साथ उनका प्रदर्शन में गिरावट ही दर्ज की गई हैं।

पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में तब्लीगी जमात का प्रवेश इंजमाम-उल-हक से हुआ और यह उनके चयनकर्ता बनने तक जारी रहा। इससे जुड़े कई लेख आपको पाकिस्तानी मीडिया वेबसाइट्स पर मिल जायेंगे। वर्तमान में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच और चयनकर्ता मिस्बाह-उल-हक भी इससे जुड़े हुए हैं, जिसका असर टीम के प्रदर्शन पर साफ नजर आता हैं।

इंजमाम को 2016 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का मुख्य चयनकर्ता घोषित किया गया था। एक पाकिस्तानी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जिस तरह की टीम का चयन इंजमाम ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए किया था, वह क्रिकेट टीम कम और मस्जिद जाने वाली जमात ज्यादा लग रही थी।

विश्वकप 2019 के लिए भी पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का चयन भी इंजमाम ने ही किया था और उन्होंने ऐसे ही लोगों को टीम में मौका दिया जिनकी विचारधारा उनसे मेल खाती थी। नतीजा ये रहा कि इस टूर्नामेंट में पाकिस्तानी टीम का प्रदर्शन बेहद ही कमजोर रहा और टीम ग्रुप स्टेज में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

इंजमाम का रुझान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले ही जमात की और हो गया था। उन्होंने अपनी दाढ़ी बढ़ाई और अपना अधिकतर समय इबादत और जमातों में बिताने लगे। उनसे प्रेरित होकर कई अन्य खिलाड़ियों ने भी ऐसा ही किया। एक समय तो ऐसा आया जब ऐसे खिलाड़ियों का टीम में जगह मिलना मुश्किल हो गया था जो इसके लिए राजी नहीं होते थे। अनौपचारिक रूप से ही सही लेकिन उस समय टीम में शामिल होने का यह भी एक नियम हो गया था।

शोएब अख्तर, यूनिस खान और अब्दुल रज्जाक जैसे कई खिलाड़ी उदाहरण कि जब वह तबलीगी जमात का हिस्सा बनने के लिए राजी नहीं हुए तो उन्हें टीम में बने रहने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ी।

कई खेल पत्रकारों के अनुसार 90 के दशक तक दुनिया की सबसे खतरनाक टीमों में से के माने जाने वाली पाकिस्तान टीम की इस हालत का जिम्मेदार धर्म के प्रति उनका अधिक झुकाव ही था। जो समय उनके खिलाड़ियों को क्रिकेट को देना चाहिए था, उस समय में वह जमातों में अपना समय बिता रहे थे और नतीजन उनको पहचान देने वाला क्रिकेट ही उनकी आँखों से दूर होता चला गया।

 
 

By Raj Kumar - 02 Apr, 2020

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