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सौरव गांगुली हुए थे हैरान, जब एमएस धोनी ने उनके अंतिम टेस्ट में उन्हें आखिरी सत्र की कप्तानी सौंपी

सौरव गांगुली हुए थे हैरान, जब एमएस धोनी ने उनके अंतिम टेस्ट में उन्हें आखिरी सत्र की कप्तानी सौंपी

सौरव गांगुली और एमएस धोनी | Getty

एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं | बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान जब अनिल कुंबले ने क्रिकेट से सन्यास लिया था, तो उस दौरान धोनी को कप्तानी सौंपी गयी थी | साथ ही इस सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच सौरव गांगुली के करियर का भी अंतिम मैच था |

जब नागपुर में ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच खेल रही थी, तो भारतीय टीम ने पांचवें दिन चौथी पारी में ऑस्ट्रेलिया से 381 रनों का पीछा करने के लिए कहा था | एक टर्निंग ट्रैक पर हरभजन सिंह और अमित मिश्रा ने मिलकर 7 विकेट लिए थे और यह सुनिश्चित किया कि घरेलू टीम इस श्रृंखला को 2-0 से जीत जाएगी | आखिरी सत्र में जब जीत टीम इंडिया की झोली में आने के लिए तैयार थी, तब धोनी ने गांगुली से एक अंतिम बार टीम का नेतृत्व करने के लिए कहा था |

यह गांगुली थे, जिन्होंने उन्हें पहला मौका दिया था और धोनी का उनके कप्तान का सम्मान करने का तरीका था जो अपने करियर के आखिरी क्षणों पर थे | आज भी, यह सभी भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों और यहां तक ​​कि गांगुली के लिए भी एक यादगार पल बना हुआ हैं |

चैंपियंस के साथ ब्रेकफास्ट पर उस पल का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि, "जब उसने ये कहा तो मैं आश्चर्यचकित था | मैंने उससे कहा कि आप इसे जारी रखें, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं ऐसा करू, हम मैच जीतने जा रहे थे, फिर भी यह दो ओवरों का मामला था | यह अंत था लेकिन उसने कहा 'आप कर लो' | मैंने दो ओवरों के लिए कप्तानी की और उसे वापस सौंप दिया |"

पूर्व कप्तान ने कहा कि, "जब भी मैं एमएस को देखता हूं तो मुझे वाकई में खुशी होती है, क्योंकि जब हमने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो यहाँ भारत के पूर्वी हिस्से के बहुत सारे क्रिकेटर नहीं थे | लोगों ने सोचा कि ये जगह अच्छे खिलाड़ी नहीं बना सकते हैं | लेकिन हम दोनों ने इतनी देर तक टीम का नेतृत्व किया और इतने सारे मैच खेले |"
 
गांगुली ने कहा कि, "मैंने उस समय लगभग 450 मैच खेले थे, जब हमारे पास उस समय T20 क्रिकेट नहीं था | कार्डिफ़ में दूसरे दिन एमएस ने अपना 500 वां मैच खेला था | ऐसा लगता है कि भारत के एक हिस्से से कुछ अच्छा आ रहा है, जिसने कई खिलाड़ियों का उत्पादन नहीं किया था | हम दो कप्तान सौरव गांगुली और एमएस धोनी थे जिन्होंने वास्तव में लंबे समय तक क्रिकेट खेला और कप्तानी की |"
 
यह पूछे जाने पर कि क्या उसने धोनी में नेतृत्व कौशल को देखा था, तो इस पर उन्होंने तुनत ही जवाब देते हुए कहा कि, "मैंने उसमें नेतृत्व कौशल नहीं देखा था, यह बाहर से दिखाई नहीं देता है केवल समय के साथ होता है | लेकिन मुझे यकीन था कि उसके पास बहुत सारी क्षमता हैं | वह उन लोगों में से एक था जिसे आप देखते हैं और सोचते हैं कि वह साहसी है |"

 
 

By Pooja Soni - 27 Jul, 2018

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