2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई, ऐसा माना जा रहा था कि कई बड़े खिलाड़ी अपने राज्य की फ्रैंचाइजियों द्वारा ही ख़रीदे जायेंगे। अधिकतर खिलाड़ियों के साथ ऐसा हुआ भी जहां केकेआर ने सौरव गांगुली को, मुंबई इंडियंस ने सचिन तेंदुलकर को और दिल्ली डेयरडेविल्स ने वीरेंद्र सहवाग को टीम में शामिल किया। लेकिन इनमे एक मामला ऐसा भी रहा जहां टीम ने अपने राज्य के खिलाड़ी को छोड़कर दूसरे खिलाड़ी को चुना। यह खिलाड़ी थे तमिलनाडु में जन्मे दिनेश कार्तिक लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने इनकी जगह टीम में रांची के महेंद्र सिंह धोनी का चुनाव किया।
उस समय तक क्रिकेट के छोटे प्रारूप में कार्तिक तमिलनाडु के सबसे बड़े नाम थे। हाल ही में क्रिकबज से बात करते हुए कार्तिक ने बताया कि उनके दिमाग में बस एक ही सवाल चल रहा था कि उन्हें टीम का कप्तान बनाया जाएगा या नहीं, इसकी जगह कि सीएसके की टीम उन्हें नीलामी में खरीदेगी या नहीं।
"2008 में जब नीलामी हो रही थी, मैं ऑस्ट्रेलिया में था। उस समय मुझे यकीन था कि चेन्नई सुपर किंग्स मेरा चुनाव करेगी। सवाल ये था कि वे मुझे कप्तान बनायेंगे या नहीं... मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था। लेकिन उन्होंने 1.5 मिलियन में पहला नाम महेंद्र सिंह धोनी का चुना जो मेरे बगल में बैठे थे। उन्होंने मुझे बताया तक नहीं कि वे उन्हें चुनने वाले हैं," कार्तिक ने कहा।
कार्तिक ने माना कि आईपीएल की पहली नीलामी के बाद से वह सीएसके के लिए खेलने को बेताब हैं। इस दौरान उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, गुजरात लायंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलने का मौका मिला लेकिन वह अब भी सीएसके के लिए खेलने का इन्तजार कर रहे हैं।
"शायद वह भी नहीं जानते थे। लेकिन यह मेरे दिल पर सबसे बड़ी चोट थी। मुझे लगा कि वे बाद में मेरा चुनाव करेंगे। लेकिन 13 साल बीत गए हैं और मैं अब भी सीएसके की टीम में चुने जाने का इन्तजार कर रहा हूं," कार्तिक ने कहा।