इस समय कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन लोगों को जीवन में छोटी छोटी चीजों की अहमियत समझा रहा हैं, लेकिन भारत दिग्गज क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा का कहना हैं कि वह हमेशा से मैडिटेशन करते रहे हैं। इससे उन्हें खुद को परखने में मदद मिली और उन्हें अपने विचारों पर बेहतर नियंत्रण मिला।
"सभी को इस बात की अहमियत समझ आ गई होगी की परिवार के साथ जीवन उन बाकी सभी चीजों से ज्यादा बेहतर और महत्वपूर्ण हैं जो हम पूरे वर्ष बाहर करते हैं," पुजारा ने ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ एक इंटरव्यू में कहा।
"कभी कभी हमारे पास अपने परिवार और दोस्तों के लिए उतना समय नहीं होता। निजी तौर पर मैं इसे बहुत अच्छे से समझता हूं क्योकि मैंने पहले ही इस पर मैडिटेट किया हैं। असली मैडिटेशन नहीं लेकिन में रोजाना प्रार्थना करता हूँ।"
"यह एक तरीके का रास्ता हैं खुद को समझने और जांचने का ताकि आप अपने विचारों पर बेहतर नियंत्रण पा सके। आप अपने जीवन में क्या पाना कहते हैं और समाज को उससे क्या देना चाहते हैं," 32 वर्षीय पुजारा ने कहा।
एक चीज का नाम पूछे जाने पर जो वह क्रिकेट के अलावा सबसे ज्यादा मिस कर रहे हैं तो पुजारा बैडमिंटन का नाम लिया। "जब भी मैं घर पर होता हूं, हम छुट्टी वाले दिन बाहर जाकर कोर्ट्स में बैडमिंटन खेलते हैं। मैं इसे बहुत मिस कर रहा हूं।"
"मैं अपनी पत्नी के साथ बैडमिंटन खेलता हूं, वह सीखना चाहती हैं। अगर जयदेव उनादकट राजकोट में होते हैं, मैं उनके साथ खेलता हूं क्योंकि वह अच्छे खिलाड़ी हैं," पुजारा ने कहा।