शोएब अख्तर का करियर 11 साल पहले हो जाता समाप्त, अगर पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष नहीं देते साथ

आईसीसी ने 1999 में संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के चलते शोएब अख्तर और पीसीबी को चेतावनी दी थी।

शोएब अख्तर | Getty

पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष तौकीर जिया ने हाल ही में इस बात का खुलासा किया हैं अगर बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया नहीं होते तो शोएब अख्तर का करियर 11 साल पहले सन 2000 मैं ही समाप्त हो जाता।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 1999 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को चेताया था कि शोएब अख्तर का गेंदबाजी एक्शन संदिग्ध हैं और वह जांच के घेरे में हैं। इस समय आईसीसी के प्रमुख जगमोहन डालमिया थे, जिनका कार्यकाल 1997 से लेकर 2000 तक रहा था।

इस समय आईसीसी के अन्य सभी सदस्य शोएब अख्तर के गेंदबाजी एक्शन के खिलाफ थे लेकिन जगमोहन डालमिया ने शोएब अख्तर का साथ दिया और उनका पूरा समर्थन किया।

तौकीर जिया ने बताया कि उनकी और डालमिया की बदौलत शोएब अख्तर को मेडिकल लॉ के तहत खेलने की मंजूरी मिली और यह माना गया कि उनकी कोहनी जन्म से ही थोड़ी ज्यादा नीली हुई हैं।

2000 तक आईसीसी के प्रमुख रहने के बाद डालमिया 2015 में बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे। वहीं दूसरी तरफ शोएब अख्तर आईसीसी से क्लीनचिट मिलने के बाद 2011 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेले और दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में शुमार हुए।

 
 

By Raj Kumar - 17 Apr, 2020

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