पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दुनिया के सबसे सफल और महान विकेटकीपरों में गिना जाता हैं। विकेट के पीछे उनके हाथों की तेजी इतनी ज्यादा हैं कि कई बार उन्होंने वहीं से मैच के परिणाम बदल दिए। अपने पूरे अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान धोनी ने विकेट के पीछे से इतने शिकार किये की लोगों को अब उनकी गिनती याद करने में भी समय लगता हैं।
महेंद्र सिंह धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था, जिसके बाद उनके शुरूआती दो मैच बेहद खराब गुजरे। हालांकि इसके बाद तीसरे मैच में उन्होंने अपने विकेटकीपिंग कौशल से फैंस के दिल जीत लिए। यह मैच 27 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के साथ खेला गया था, जहां महेंद्र सिंह धोनी ने 5 शिकार किये थे।
भारत ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 348 रन बनाए थे लेकिन इसमें महेंद्र सिंह धोनी का योगदान सिर्फ नाबाद 7 रनों का था। हालांकि इसके बाद उन्होंने विकेटकीपर के तौर पर अपनी अहमियत को इस मैच में साबित कर दिया। इस मैच के दौरान महेंद्र सिंह धोनी का विकेटकीपर के तौर पर पहला शिकार बांग्लादेश के ओपनर बल्लेबाज राजिन सालेह बने थे।
राजिन सालेह इस मैच में 82 रन बना चुके थे, जिसके बाद कप्तान सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी थमाई। राजिन सालेह गेंद को खेलने के लिए आगे बढ़े लेकिन गेंद सीढ़ी धोनी के हाथों में गई और उन्होंने बिना किसी गलती के बेल्स गिरा दिए।
धोनी ने अपने 15 वर्ष के करियर में भारत के लिए 350 मैचों मकी 345 पारियों में विकेटकीपिंग की हैं। इस दौरान उन्होंने 444 डिसमिसल किये, जिनमे 321 कैच और 123 स्टंपिंग शामिल थी। धोनी इस समय इकलौते विकेटकीपर हैं, जिनके नाम 100 से अधिक स्टंपिंग करने का रिकॉर्ड दर्ज हैं।