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दिल्ली टीम के रणजी ट्रॉफी नॉकआउट में न पहुंचने पर कोचों को कम भुगतान करेगा डीडीसीए

दिल्ली टीम के रणजी ट्रॉफी नॉकआउट में न पहुंचने पर कोचों को कम भुगतान करेगा डीडीसीए

डीडीसीए, जिसने पिछले 6 महीने में वकीलों को 1.63 करोड़ का भुगतान किया हैं, ने पिछले 5 महीने से कोचों और सपोर्ट स्टाफ को भुगतान नहीं किया हैं।

नॉकआउट में नहीं पहुंच पाई थी दिल्ली की टीम | Delhi Cricket

दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन को अपने कोचों और विभिन्न राज्य टीमों के सहायक कर्मचारियों के पारिश्रमिक का भुगतान करना बाकी है, लेकिन उन्होंने पिछले 4 माह में लगभग 1.6 करोड़ की राशि का भुगतान कर दिया हैं।

लगभग 50 लोग, जिनमे दिल्ली की टीम सीनियर कोच जैसे भास्कर पिल्लई और राजकुमार शर्मा शामिल हैं, अपने भुगतान का इन्तेजार कर रहे हैं लेकिन उनके चेक क्लियर होना अभी भी बाकी हैं। बचा हुए कुल भुगतान की राशी लगभग 4.5 करोड़ हैं।

खिलाड़ी, जो बीसीसीआई टूर्नामेंट में राज्य का प्रतिनिधित्व करते थे, भाग्यशाली रहे हैं, क्योंकि उनकी मैच फीस उनके बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी गई हैं। "बीसीसीआई ने हमें हमारे अनुदान का भुगतान किया है। डीडीसीए के कॉफर्स में 11 करोड़ रुपये है। मुझे नहीं पता कि कोचों, चिकित्सकों, मालिश करने वालों में से किसी को भुगतान क्यों नहीं किया गया है। COVID-19 लॉकडाउन अभी शुरू हुआ है लेकिन ये भुगतान लंबे समय से बाकी हैं," डीडीसीए के सहायक सचिव राजन मनचंदा ने कहा।

राजन ने बताया की एक्टिंग प्रेसिडेंट राकेश बंसल और सचिव विनोद तिहारा ही इन सवालों के जवाब दे सकते हैं। "मैं अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक हूं। लेकिन आपको सचिव और कार्यवाहक अध्यक्ष से पूछने की जरूरत है कि क्या हो रहा है। मैं अपनी भूमिका नहीं जानता," उन्होंने आगे कहा। हालांकि तिहारा और बंसल दोनों ही इस मुद्दे पर कोई भी जानकारी देने के लिए अनुपलब्ध थे।

इस समय कोरोना वायरस के असर के कारण शहर पूरी तरह से लॉकडाउन में हैं और भुगतान होने में और भी अधिक समय लग सकता हैं क्योंकि बाकि अन्य कार्यालयों की तरह डीडीसीए का ऑफिस भी बंद हैं।

जब एक शीर्ष डीडीसीए पदाधिकारी से कानूनी खर्चो के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि, "मान लीजिये सदस्य ए, सदस्य बी के खिलाफ केस करता हैं, दोनों अपने कानूनी खर्चों का बिल बढ़ाने के हकदार हैं जो डीडीसीए द्वारा वहन किया जाएगा। इसलिए डीडीसीए उन सभी वकीलों के लिए भुगतान करता है जो ऐसे मामलों से लड़ रहे हैं जहां सदस्य एक दूसरे के खिलाफ पेश आते हैं," अधिकारी ने कहा।

भारत को शुरुआत में 30 लाख का भुगतान किया जाना था, जिसे बदलकर 24 लाख कर दिया और राजकुमार शर्मा के साथ भी ऐसा ही हुआ जिनको शुरुआती रूप से 25 लाख का भुगतान करना था जिसे बदलकर 20 लाख कर दिया गया।

जब मनचंदा से इस बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "उन्होंने ऐसे अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे जहां उनका भुगतान उनके प्रदर्शन पर निर्भर था। अगर वह दिल्ली को नॉकआउट तक पहुंचा देते तो हम उन्हें वही राशि प्रदान करते। लेकिन वो ऐसा नहीं कर सके इसलिए उन्हें कम राशि का भुगतान किया जाएगा," मनचंदा ने कहा।

 

 
 

By Raj Kumar - 23 Mar, 2020

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