विश्व क्रिकेट को स्लेजिंग भले ही ऑस्ट्रेलिया का तोहफा हो, लेकिन रविवार को अंडर-19 विश्वकप के फाइनल के बाद भारत और बांग्लादेश के खिलाड़ियों के व्यवहार ने सभी अधिकारियों और कई दिग्गज खिलाड़ियों को चौंका दिया।
पूर्व विश्वकप विजेता कप्तान कपिल देव के अनुसार आक्रामकता अच्छी हैं, लेकिन इसे नियंत्रण में होना चाहिए। "मैं आक्रामकता का सामान करता हूँ, इसमें कुछ गलत नहीं हैं। लेकिन यह नियंत्रित आक्रामकता होनी चाहिए। आप सिर्फ प्रतिस्पर्धी बनने के चक्कर में शिष्टता की लकीर पार नहीं कर सकते। मैं कहूँगा कि युवाओं का मैदान पर यह अप्रिय व्यवहार कतई स्वीकार्य नहीं होना चाहिए." कपिल ने कहा।
कपिल ने बताया की बीसीसीआई को इन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करके एक उदाहरण तैयार करना चाहिए। "मैं देखना चाहूँगा की बोर्ड इन खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और एक उदाहरण तय करे। क्रिकेट विपक्षी के साथ दुर्व्यवहार के बारे मैं नहीं हैं। मुझे यकीन हैं कि बीसीसीआई के पास यहाँ कारण काफी होगा इन युवाओं को कुछ सजा देने के लिए," कपिल ने कहा।
भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर भी मैदान पर इस तरह के व्यवहार को कभी पसंद नहीं करते और इस घटना के बाद भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। "जब आपने बल्लेबाजों को आउट कर दिया हैं, तो उसे गाली देने की क्या जरुरत हैं। क्या आपने यह लड़ाई उसे आउट करके नहीं जीत ली," गावस्कर ने कपिल से कहा।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी इस घटना के बाद बीसीसीआई द्वारा सपोर्ट स्टाफ से इस घटना को समझाने की मांग की हैं। "मैं ऐसे खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहूँगा, लेकिन यह भी जानना चाहूंगा कि युवाओं को शिक्षा देने में सपोर्ट स्टाफ ने क्या भूमिका निभाई हैं। देर होने से पहले कार्य कीजिये। खिलाड़ियों को नियंत्रण में किया जाना चाहिए," अजहरुद्दीन ने द हिन्दू से बात करते हुए कहा।