जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ी और मेंटर इरफान पठान का कहना है कि वह अपने लंबे क्रिकेट करियर की सबसे अनोखी चुनौती से जूझ रहे हैं| वह राज्य में संचार क्लैंपडाउन के बीच आगामी घरेलू सत्र के लिए टीम की तैयारियों को ट्रैक पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) ने स्थानीय टीवी चैनलों पर अपने खिलाड़ियों से संपर्क स्थापित करने के लिए विज्ञापन जारी किये है ताकि वो घाटी में रहने वाले खिलाड़ियों तक पहुँच सके।
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद सरकार द्वारा कश्मीर घाटी में संचार प्रतिबंधित कर दिया गया है। जम्मू और कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश है।
“हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम कश्मीर और उसके जिलों के खिलाड़ियों से संपर्क करने में सक्षम नहीं हैं। हम जम्मू के खिलाड़ियों के संपर्क में हैं," इरफ़ान पठान ने कहा|
“बुखारी पूर्व डीआईजी हैं। वह इस विचार के साथ आये था कि हमें टेलीविजन पर विज्ञापन देना चाहिए। एक कार्यक्रम है जो हर शाम आता है और इसके जरिये वो अपने से बात करते है।
"तो हमने विज्ञापन जारी किये और उम्मीद कर रहे है चयनित किये गए लड़के जम्मू में शिविर में शामिल होंगे। हमने कल ही विज्ञापन दिए है और एक दिन में उम्मीद नहीं कर सकते की सभी इसका जवाब दे। इसमें कम से कम दो से तीन दिनों का टाइम लगेगा। ये काफी अलग परिस्थिति है। में ऐसी किसी भी स्थिति में पहले शामिल नहीं रहा।" 34 वर्षीय पठान ने कहा|