
प्रशासकों की समिति (COA) की सदस्य देना एडुल्जी ने सोमवार को अपना मतभेद व्यक्त किया लेकिन फैसला 2-1 से सुनाया गया जिससे कपिल देव के नेतृत्व वाली सीएसी में हितों के टकराव का रास्ता साफ़ हो गया और भारतीय टीम के नए कोच को चुनने का मार्क प्रशस्त हुआ| एडुल्जी की राय समिति के अध्यक्ष विनोद राय और उनके अन्य सहयोगी लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) रवि थोज के साथ मेल नहीं खा रही थी।
"ये एक 2-1 वाला फैसला था। मैंने कहा की हितो के टकराव पर निर्णय लेने के लिए ये मामला एथिक्स ऑफिसर डीके जैन के पास जाना चाहिए। तदर्थ समिति संविधान में नहीं है। जैसा की मैंने अपनी असहमति में कहा था।" एडुल्जी ने बैठक बे बाद मीडिया से कहा|
कपिल की अध्यक्षता में वाली व अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी पहले भी भारतीय महिला टीम की मुख्य कोच का चयन किया था और एडुल्जी ने समिति के गठन और डब्लूवी. रमन की नियुक्ति को अवैध बताते हुए विरोध किया था। सूत्रों से यह पता चला है कि सीओए की एक पूर्व बैठक के दौरान भी, एडुल्जी ने कपिल की अध्यक्षता में सीएसी के गठन का विरोध किया था और वर्तमान में मौजूदा रवि शास्त्री को कोच पद पर जारी रखने के लिए कहा था|
