क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, जिसके बाद से वह कई परोपकारी गतिविधियों में शामिल होते रहते हैं|
देश में खेल को बढ़ावा देने से लेकर गाँवों को गोद लेने तक, 45 वर्षीय दिग्गज भारतीय खिलाड़ी को अक्सर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में योगदान देते हुए देखा गया है| ऐसे ही एक प्रयास में, सचिन ने बुधवार को मुंबई के एसआरसीसी अस्पताल में पीडियाट्रिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का उद्घाटन किया था|
सचिन ट्विटर पर भावुक पलो को शेयर करते हुए लिखा कि, “एसआरसीसी अस्पताल में पीडियाट्रिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का उद्घाटन करने का यह एक भावनात्मक पल था, जो मेरी ससुराल वालों ने अपनी बेटी तारा की याद में दान में दिया था, जो ऐसी सुविधाओं की कमी की वजह से छोटी सी ही उम्र में गुजर गई थी| आशा है कि किसी भी माता-पिता को कभी भी उस समय का सामना न करना पड़े|"
हाल ही में, तेंदुलकर ने स्कूली पाठ्यक्रम में खेल को शामिल करने के पक्ष में भी बात की थी| इस तथ्य पर जोर देते हुए कि खेल खेलते समय सीखे गए सबक जीवन में काम आते हैं, सचिन ने कहा कि, "जब खेल और शिक्षा एक साथ चलते है, तो इससे काफी सामंजस्य बना रहता हैं| मैं सभी विद्यालयों में शामिल खेलों को देखना और इसे अनिवार्य बनाना चाहूँगा| यह (खेल) त्वचा के रंग को पहचानें, अपने बैंक बैलेंस को जानें, या एक लड़के या लड़की के बीच अंतर को पहचानना नहीं हैं| यह भेदभाव नहीं करता है| यह बच्चों के लिए सबसे अच्छा है| यह समग्र विकास में मदद करता है|"
It was an emotional moment inaugurating the Paediatric Bone Marrow Transplant Unit at SRCC Hospital, donated by my in-laws, in memory of their daughter Tara who they lost at a young age due to lack of such facilities; their hope is that no parent has to ever go through the same. pic.twitter.com/Sp0fRsN0k8
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) December 21, 2018