भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना का कहना हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के लगातार कहने के बावजूद फिलहाल बॉर्ड की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के तहत आने की संभावना नहीं है|
सिंगापुर में आईसीसी बोर्ड बैठक में शामिल लेने वाले बोर्ड के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने इस मुद्दे में अपने विचार व्यक्त किए हैं, जो कि बोर्ड के वर्तमान रवैये के विपरीत हैं|
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार चौधरी ने ये भी कहा हैं कि बीसीसीआई को वाडा के नियमों का पालन करना चाहिए, भले ही शीर्ष क्रिकेटर इसका विरोध कर रहे हो, क्योंकि उन्हें अपने ठिकाने संबंधी नियमो पर आपत्ति है|
खन्ना ने कहा हैं कि, "कार्यवाहक सचिव ने अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं, लेकिन यह बोर्ड की आम सभा का मत नहीं है| मुझे नहीं लगता हैं कि आम सभा गठित होने तक नीति संबंधी किसी भी मुद्दे पर कोई भी फैसला लिया जा सकता है|"
उन्होंने कहा कि, "मेरा मानना है कि यहाँ तक कि सीओए ने भी यह मसला आम सभा पर ही छोड़ने का फैसला कर लिया हैं| यह बहुत ही गंभीर मामला है और इसमें क्रिकेटर सबसे बड़े हितधारक रहे हैं। आप उन्हें इससे अलग करके अकेले ही इसका फैसला नहीं ले सकते हैं|"
बोर्ड हमेशा वाडा संहिता पर हस्ताक्षर करने से बचता रहा है, क्योंकि इससे वह राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के तहत आ जाएगा| यहाँ तक कि बीसीसीआई सरकार से अनुदान भी नहीं लेता है|
लेकिन आईसीसी के लिए बीसीसीआई को वाडा संहिता के अंतर्गत लाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि विश्व संस्था इस खेल को ओलंपिक में शामिल करने के लिए प्रयास कर रही हैं|