रविवार को भारतीय टीम सुपर फोर के तीसरे मैच में एक बार फिर से पाकिस्तान का सामान करेगी, लेकिन मैच से पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन का कहना हैं कि इस मुकाबले में टीम इंडिया मनोवैज्ञानिक तौर पर पाकिस्तान से आगे रहेगी|
टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए अपने कॉलम में पूर्व खिलाड़ी ने लिखा हैं कि, “रविवार को सुपर फोर में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारतीय टीम के पास मनोवैज्ञानिक बढ़त होगी, लेकिन सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए, तो लीग स्टेज में मिली जीत का इस मैच के परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा|"
शिवरामकृष्णन ने ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा के टीम इंडिया की वनडे टीम में वापसी से खुश हैं| इस बारे में उनका कहना हैं कि, "13 महीनों के ब्रेक के बाद जडेजा की सीमित ओवरों के फॉर्मेट में वापसी, एक स्वागत करने वाला कदम है| उन्होंने कड़ी प्रतिबद्धता के साथ संघर्ष करके वापसी की है| शानदार गेंदबाजी के साथ जडेजा फील्ड पर अकेले 10-15 रनो का बचाव कर सकते हैं और बल्ले के साथ भी वो बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में एक अच्छा विकल्प है, जो लेग स्पिनर और बाएं हाथ के स्पिनर के खिलाफ काम आ सकता है|"
चोटिल हार्दिक पंड्या के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद भारतीय टीम, बांग्लादेश के खिलाफ मैच में दो तेज गेंदबाज और तीन स्पिनर्स के साथ मैदान में उत्तरी| जिसे लक्ष्मण ने सही रणनीति माना हैं| उनका कहना है कि युजवेंद्र चहल दोनों तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के साथ मिलकर पावरप्ले में गेंदबाजी कर सकते हैं, हालांकि वे चहल की गेंदबाजी में कुछ बदलाव करना चाहते हैं|
पूर्व भारतीय दिग्गज लेग स्पिनर शिवरामकृष्णन ने कहा हैं कि, “एक चीज जो मैं देखना चाहूंगा वो ये है, कि चहल की लाइन में हल्का सा बदलाव हुआ हैं| दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अगर चहल मध्य और लेग स्टंप से हटकर ऑफ स्टंप से हल्का बाहर की तरफ गेंदबाज़ी करें, तो बेहतर होगा| इससे हाथ से गेंद को न पढ़ पाने पाने कि वजह से बल्लेबाज उसकी गुगली समझ नहीं पाएंगे| अगर गेंद ज्यादा स्पिन टोटी हैं, तो बल्लेबाज बढ़कर ड्राइव खेलने की कोशिश करेंगे, जिससे गलतियों की संख्या बाद जाएगी|"