गलत कारणों की वजह से एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट खबरों में बना हुआ है| चार चयनकर्ताओं में से एक ध्रुव महाजन ने सीजन से पहले राज्य टीम की चयन प्रक्रिया में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान पर हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया हैं|
पठान को इस साल की शुरुआत में वरिष्ठ टीम के लिए एक खिलाड़ी और सलाहकार के रूप में शामिल किया गया था जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) के सीईओ आशिक अली बुखारी को भेजे गए अपने इस्तीफे में महाजन ने कहा हैं कि पठान ने चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया, जो कि संविधान का उल्लंघन हैं|
स्पोर्टस्टार की रिपोर्ट के अनुसार महाजन ने कहा हैं कि, "पठान को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए और दूसरों के काम में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए| बीसीसीआई संविधान ने इसे स्पष्ट रूप से स्पष्ट कर दिया है कि एक व्यक्ति को दो से अधिक पद नहीं मिल सकते हैं और खिलाड़ी को पद के रूप में भी माना जाता है|"
जबकि पठान इस पर कुछ भी कहने लिए उपलब्ध नहीं थे, ऐसे में जेकेसीए के सीईओ बुखारी ने स्पोर्टस्टार से बात करते हुए बताया हैं कि महाजन के इस्तीफे में पठान का कोई हाथ नहीं था| बुखारी ने कहा हैं कि, "नए बीसीसीआई संविधान से पता चलता है कि चयनकर्ता बनने से पहले एक खिलाड़ी को पांच साल की कूलिंग ऑफ की जरूरत होती है| और महाजन के साथ, यह मुद्दा था|"
जम्मू-कश्मीर के पूर्व कप्तान महाजन ने साल 2015 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लिया था और तकनीकी रूप से चयनकर्ता के रूप में सेवा करने के लिए अपात्र हैं| बुखारी ने कहा कि, "यही उनके इस्तीफे के पीछे का कारण है| एसोसिएशन आरोपों के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा है| एक व्यक्ति के रूप में, वह अपना खुद का विचार कर सकते हैं| लेकिन जहां तक एसोसिएशन का सवाल है, ऐसे आरोप वैध नहीं माने जाते हैं|"