जोन होलैंड ने बुधवार को बेंगलुरू में खेले गए अपने मैचिंग विनिंग प्रदर्शन का कारण अपने धैर्य को बताया है|
इंडिया 'ए' को ऑस्ट्रेलिया'ए' के खिलाफ खेले जा रहे दो मैचों की चार दिवसीय टेस्ट के पहले मैच में 98 रनो से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा| मैच के आखिरी दिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों को जीत हासिल करने के लिए 262 रनो के लक्ष्य का पीछा करना था, लेकिन पूरी टीम सिर्फ 163 रनो पर ही आलआउट हो गई|
विक्टोरिया स्पिनर होलैंड (81/6) की शानदार गेंदबाजी कि बदौलत ऑस्ट्रेलिया 'ए' ने पहले गैर-अनाधिकारिक टेस्ट मैच के चौथे दिन बुधवार को इंडिया 'ए' को 98 रन से मात दी| cricket.com.au की रिपोर्ट के अनुसार हॉलैंड ने कहा हैं कि, "जिस तरह से खेल खेला जा रहा था, मुझे लगता है कि हम खेल में ही थे और बहुत ज्यादा दबाव पैदा किया था, जिससे मौके पैदा करने जा रहे थे|"
उन्होंने कहा कि, "जिस तरह से यह हुआ हैं, हमने किया| मैं शायद गेंदबाजी नहीं कर रहा था और साथ ही मुझे जल्दी पसंद आया होगा| मुझे पता था कि विकेट पर किस तरह से खेलना हैं, अगर मैं सिर्फ खेल में और बना रहता और कुछ और ओवर प्राप्त कर लिए होते तो उम्मीद है कि कुछ बदल जाता|"
होलैंड ने कहा हैं कि, "विकेट पर एक विकेट ने एक नए बल्लेबाज के लिए अवसर बनाया थे| वहां से शुरुआत करना हमेशा ही कठिन होता है और मैं खुद को खेल में वापस ले गया था|" हॉलैंड का कहना हैं कि उनका दृष्टिकोण घरेलू परिस्थितियों से काफी अलग नहीं था|
उन्होंने कहा हैं कि, "फील्ड प्लेसमेंट और इस तरह की चीज़ो पर आपको धीरज रखने की जरूरत होती है और स्टंप को अक्सर हिट नहीं किया जाता है| उम्मीद है कि विकेट में कुछ होगा और बल्लेबाज में थोड़ा संदेह पैदा होगा| लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं ऑस्ट्रेलिया में जो कुछ करता हूं उससे पूरी तरह से अलग गेंदबाजी करता हूँ|"