अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति ने टेस्ट क्रिकेट से टॉस हटाने के खिलाफ फैसला करते हुए इसे खेल का अभिन्न हिस्सा करार दिया और सिक्का उछाल कर बल्लेबाज़ी या फील्डिंग तय करने के फैसले को इस समिति ने बरकरार रखा है|
पूर्व भारतीय कप्तान की अगुवाई में समिति ने खिलाड़ियों के व्यवहार के संबंध में सिफारिशें की और विश्व क्रिकेट संचालन संस्था से कड़े कदम उठाने तथा खिलाड़ियों और प्रतिस्पर्धी टीम के बीच ‘सम्मान की संस्कृति’ को बरकरार रखने की वकालत की| इसने गेंद से छेड़छाड़ में शामिल होने के लिए कड़ी सजा की भी बात कही |
आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘समिति ने चर्चा की कि क्या टॉस का अधिकार सिर्फ दौरा करने वाली टीम के सुपुर्द कर दिया जाए, लेकिन बाद में महसूस किया गया कि यह टेस्ट क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा है, जो खेल की शुरुआत में मैच की भूमिका तय करता है |'
इसके अनुसार, ‘टेस्ट पिचों को तैयार करना आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की प्रतिस्पर्धिता को जोखिम पैदा कर सकता है, यह बात स्वीकार करते हुए समिति ने सदस्यों से पिचों की गुणवत्ता पर ध्यान जारी रखने का आग्रह किया ताकि आईसीसी नियमों के अंतर्गत बल्ले और गेंद के बीच बेहतर संतुलन बनाया जा सके |’