एक टेस्ट मैच में भारत का नेतृत्व करने वाले दिल्ली के पूर्व खिलाड़ी राजिंदर पाल का देहरादून में कल यानी कि 9 मई को उनके घर पर निधन हो गया, जिसकी सूचना खुद उनके परिवार के सूत्रों ने दी हैं |
स्पोर्टस्टार की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम श्रेणी के पूर्व क्रिकेटर और राजिंदर पाल के छोटे भाई रविंदर पाल ने बताया हैं कि, "देहरादून में मेरे बड़े भाई राजिंदर पाल का उनके घर पर निधन हो गया हैं | वह 80 वर्ष के थे और अपनी पत्नी के साथ ही दो बेटे और एक बेटी के साथ रहते थे |"
दायें हाथ के तेज गेंदबाज राजिंदर ने भारत के लिए अपना एकमात्र टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ 1963-64 सीरीज में खेला था, जो कि मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेला गया था | इस मैच में राजिंदर ने 13 ओवरों (11 ओवर में बिना विकेट लिए 19 रन और दो ओवर में बिना विकेट लिए तीन रन) में काफी अच्छी गेंदबाजी की थी, लेकिन उन्होंने इस मैच में एक भी विकेट हासिल नहीं किया था | जिसके बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें अगले मैच में मौका देने की बजाय उनकी जगह उनसे भी तेज़ गति वाले गेंदबाज़ रमाकांत देसाई को खेलने का मौका दिया था |
इसके अलावा उन्होंने प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में 98 मैचों में 337 विकेट अपने नाम किये थे | साथ ही उन्होंने 23 बार पारी में 5 या उससे भी अधिक विकेट लिए थे | इसके अलावा उन्होंने एक दशक तक रणजी ट्रॉफी में दिल्ली का प्रतिनिधित्व भी किया था, जिसके बाद वे दक्षिण पंजाब, चूँकि उस समय पंजाब की दो रणजी टीमें हुआ करती थी और हरियाणा की तरफ से भी खेला हैं | क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने जूनियर क्रिकेटरों को कोचिंग देना शुरू कर दिया था |