टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने हाल ही में अपनी आत्मकथा लॉन्च की है| जिसके बाद से उनके क्रिकेट करियर से जुड़े कई खुलासे हुए हैं |
ऐसे ही एक खुलासे में गांगुली ने बताया हैं कि 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान संजय मांजरेकर ने उन्हें जमकर फटकार लगाई थी | गांगुली बताया हैं कि पाकिस्तान और वेस्ट इंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद संजय मांजरेकर इस दौरे पर बुरी तरह असफल हुए थे | इस दौरान मांजरेकर ने गांगुली को डांटते हुए सुझाव दिया था कि उन्हें सही ढंग से व्यवहार करने की जरूरत है और उनका रवैया सुधारना की भी आवशयकता है |
मांजरेकर की इस बात से गांगुली हैरान हो गए थे और वह उलझन में पड़ गए कि मांजरेकर को क्या हो गया हैं और आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा? हालांकि गांगुली, मांजरेकर को अपना अच्छा दोस्त बताते हैं लेकिन उन्हें अभी तक ये बात समझ नहीं आई हैं कि मांजरेकर का व्यवहार युवा खिलाड़ियों के प्रति इतना अलग क्यों है |
उस समय गांगुली पहले दौरे पर मौजूद थे | गांगुली का मानना है कि वे इस प्रकार के बरताव (मांजरेकर की फटकार) के योग्य नहीं थे |गांगुली की आत्मकथा 'अ सेंचुरी इज नॉट इनफ' को खेल पत्रकार गौतम भट्टाचार्या ने उनके साथ लिखी हैं |
इससे पहले मांजरेकर ने भी अपनी किताब ‘इंपर्फेंक्ट’ में ये खुलासा किया था कि उन्हें सौरव गांगुली और राहुल द्रविड की वजह से संन्यास लेने का फैसला लेना पड़ा था | मांजरेकर बताया था कि वह उस समय टीम के इन-फॉर्म बल्लेबाज़ थे | जब उन्होंने गांगुली-द्रविड को देखा, तो समझ आ गया था कि अब उनका सन्यास लेने समय आ चुका है | मांजरेकर ने साल 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था |