बांग्लादेश के बल्लेबाज मोनिमुल हक ने रविवार (4 फरवरी) को कहा हैं कि चटगांव टेस्ट के अंतिम दिन तेज़ी से तीन विकेट खोने के बावजूद इसमें कोई शंका नहीं थी कि मेजबान टीम श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच को बचा सकती हैं |
मोनिमुल, जो कि एक टेस्ट मैच कि दोनों पारियो में शतक बनाने वाले देश के पहले बल्लेबाज बने हैं और मैच के चौथे दिन एक स्थाई पारी के बाद एक मुश्किल स्थिति में खुद को बनाए रखने में मदद की |
क्रिक बज की रिपोर्ट के अनुसार जब पत्रकारों ने मोनिमुल से पूछा कि वे कौन से शतक को ज्यादा मतहव देते हैं, तो उन्होंने कहा कि, "वे दूसरी पारी के शतक को महत्व देंगे, क्योकि उसने बांग्लादेश के लिए मैच बचाया | हम इस परिस्तिथि में पहले भी आ चुके हैं | हमने बस मानसिक तौर पर मज़बूत रहना हैं और खुद मैं यकीन रखना है |"
उन्होंने बताया कि, "मुझे लगता है कि प्रबंधन सहित टीम में हर किसी से भी समर्थन मिला हैं और यहां तक कि वे लोग जो हमारी मदद करते हैंजैसे कि 'रियाद भाई (महमदुल्लाह) ने मुझे यही बात बताई, कि हमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हम इस खेल नहीं बचा सकते हैं |"
ममुनुल ने कहा, "लिटोन और मैंने एक सत्र के बाद दूसरे सत्र में,घंटे दर घंटे बल्लेबाज़ी की | हमने पूरे दिन बल्लेबाजी करने पर ध्यान नहीं दिया, जिसे योजना के तहत लाना कठिन था |" साथ ही उन्होंने कहा कि वह अधिक टर्न और स्पिन के खिलाफ खेलने के लिए तैयार थे |
"मैंने लगा था कि यह थोड़ा अधिक टर्न लेगा | मैं इस टर्न से आश्चर्यचकित होना नहीं चाहता था |" मोमिनुल ने कहा कि चटगांव में उनकी सफलता के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है, जहां उन्होंने पांच शतक लगाए हैं और कहा कि वह मैदान पर खेलने के लिए आते समय कोई अतिरिक्त आत्मविश्वास के साथ नहीं आते हैं |
उन्होंने कहा कि, "मुझे नहीं लगता है कि कोई विशेष कारण है | मैंने पिछले दो या तीन टेस्ट मैचों में यहां रन नहीं बनाये हैं, इसलिए मैं वास्तव में यहां ज्यादा रन बनने के उद्देश्य से नहीं आया था | मुझे लगता है कि यह अल्लाह की कृपा है कि मैं यहाँ रन बना रहा हूँ |"