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कानून आयोग के अध्यक्ष ने बीसीसीआई को RTI के दायरे में लाने की मांग की

कानून आयोग के अध्यक्ष ने बीसीसीआई को RTI के दायरे में लाने की मांग की

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कानून आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस चौहान ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सूचना के अधिकार (RTI) के  दायरे के तहत लाया जाना चाहिए |

जो कानून के दवारा नागरिकों के अधिकारों के सार्वजनिक निकाय के कामकाज की जानकारी मांगती है, क्योंकि यह सार्वजनिक कार्य करता है और सार्वजनिक निधियों से छूट और अनुदान प्राप्त होता है |

विधि आयोग बीसीसीआई को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने के लिए सिफारिश करने की संभावना पर विचार कर रहा है | बीसीसीआई भारत में क्रिकेट के लिए राष्ट्रीय शासकीय निकाय है |

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति चौहान ने कहा हैं कि, "बीसीसीआई आरटीआई कानून के तहत होना चाहिए | उन्हें सरकारी खजाने से रियायती लागत पर टैक्स छूट और भूमि के मामले में कई सरकारी अनुदान मिलते हैं |"

वही बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके ने कहा हैं कि, "मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं |" इस मुद्दे पर कानून आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में लगा हुआ है | सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2016 में आयोग को एक संदर्भ दिया था, जो कानूनी मामलों पर सरकार और अदालतों को सलाह देता है | 

भारतीय विधि आयोग के सदस्यों को वितरित किये गए कामकाजी पत्र के अनुसार बीसीसीआई को सरकार से कई तरह के अनुदान मिलते हैं | साथ ही टैक्स में छूट भी मिलती है और साथ ही क्रिकेट के स्टेडियम के लिए जमीन खरीदने की दर को भी कम किया जाता है |

बीसीसीआई को साल 2007 तक 10 वर्षों की अवधि में 2,100 करोड़ रुपये की टैक्स की छूट मिल चुकी है | विधि आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया हैं कि रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है और कोई अंतिम राय नहीं बनाई गई है, लेकिन कामकाजी पत्र में सभी ब्यौरों का उल्लेख किया गया है |

दिसंबर 1928 में बीसीसीआई का गठन हुआ था | यह राज्य क्रिकेट संघों का एक संघ है | जिसके लिए राज्य संघ के प्रतिनिधि बीसीसीआई के अधिकारियों को चुनाव करते हैं और अभी तक बीसीसीआई को RTI के दायरे में नहीं लाया गया हैं |

न्यायमूर्ति चौहान ने कहा हैं कि, "हमने हमारे सदस्यों के बीच एक मसौदा तैयार किया है और इस महीने के अंत में इस विषय पर एक बैठक भी होगी | मामले की अंतिम समीक्षा अभी रुका हुआ है |"

 
 

By Pooja Soni - 11 Jan, 2018

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