आज ही के दिन विश्वकप 2011 का फाइनल खेला गया था, जिस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने छक्के के साथ भारतीय टीम को विजेता बनाया था।
कोरोना वायरस के कारण इस समय भारत में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा हैं और क्रिकेट से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगी हुई हैं। नतीजन क्रिकेट फैंस के लिए ये समय सूनेपन से भरा हुआ हैं। लेकिन भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए आज का दिन बेहद खास भी हैं। दरअसल 9 साल पहले 2011 में आज ही के दिन महेंद्र सिंह धोनी ने विश्वकप के फाइनल में छक्का लगाकर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी।
महेंद्र सिंह धोनी का यह कारनामा सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैंस के बीच आज चर्चा का मुख्य विषय हैं। लेकिन धोनी से ही जुड़े एक अन्य मुद्दे पर भी पिछले कुछ समय से काफी चर्चाएं हो रही हैं और फैंस इन्तजार कर रहे हैं कि धोनी कब इस संकट की घड़ी में कोई कदम उठाएंगे।
पूरा भारत इस समय कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में हैं और इससे निपटने के लिए देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने आम जनता से मदद मांगी हैं। पीएम मोदी ने 28 मार्च को पीएम केयर्स रिलीफ फंड का गठन किया जिसका उपयोग कोरोना की आपदा से निपटने के लिए किया जाएगा। देशभर के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े लोग इसमें अपना सहयोग कर रहे हैं लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की तरफ से अभी तक किसी भी तरह की मदद का वादा नहीं किया गया हैं।
भारतीय क्रिकेटरों में कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, सचिन तेंदुलकर, अजिंक्य रहाणे जैसे कई क्रिकेटर अपना योगदान इस कार्य में दे चुके हैं और सोशल मीडिया के जरिये भी लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं लेकिन महेंद्र सिंह धोनी सबकी नजरों से दूर हैं।
यहां तक की बीसीसीआई ने भी 51 करोड़ की मदद का ऐलान किया हैं और कई बीसीसीआई के लिए काम कर रहे कई अधिकारियों ने अपने कई महीनो की सैलरी को इस काम के लिए दान कर दिया हैं लेकिन 800 करोड़ की सम्पति के मालिक धोनी ने इसके लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया हैं। धोनी के फैंस इन्तजार कर रहे हैं कि कब उनके क्रिकेट का हीरो देश की मदद करके असल जिंदगी का हीरो बनेगा।