अफरीदी ने गौतम गंभीर के बारे में बात कि और बताया कि उनके रवैये के साथ हमेशा से समस्या रही हैं।
भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेटरों के बीच रिश्ते पिछले कई वर्षों के दौरान काफी बदल गए हैं क्योंकि पिछले कई वर्षों से राजनीती क्रिकेट में भी हर जगह फैल चुकी हैं। इसी पर पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने एक अवलोकन किया हैं।
अफरीदी ने बताया कि दोनों टीमों के प्रतिस्पर्धी होने के बावजूद कैसे उनके खिलाड़ी अच्छे दोस्त बन गए। अफरीदी ने अपनी शुरुआत भारत के दो दिग्गज क्रिकेटरों से की और बताया कि सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने लगभग उनके साथ ही शुरुआत की थी। "मैंने 1996 मैं अपना डेब्यू किया था, यह काफी अच्छा जा रहा था... फिर दादा और द वाल यहां पहुंचे। सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़, दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू 131 और 96 के स्कोर के साथ किया," अफरीदी ने कहा।
अफरीदी ने इस दौरान नैरोबी में 1996 मैं अपने एतिहासिक शतक के बारे में भी बात की। "सचिन तेंदुलकर ने अपना पसंदीदा बल्ला वकार यूनिस को दिया था और उनसे एक एहसान मांगा था। लेकिन सोचिये वकार ने इसे सियालकोट ले जाने से पहले क्या किया? जब मैं बल्लेबाजी करने जाने वाला था, इससे पहले उन्होंने यह मुझे दिया। तो, शाहिद अफिरीदी द्वारा नैरोबी में बनाया गया गया शतक असल में सचिन तेंदुलकर के बल्ले से बना था। चाहे तो चेक कर लीजिये," अफरीदी ने कहा।
भारत की गेंदबाजी के बारे में बात करते हुए अफरीदी ने अनिल कुंबले का जिक्र किया। कुंबले ने 1999 की सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में 10 विकेट हासिल किये थे। "कुंबले उनकी गेंदबाजी के प्रमुख थे। पहले टेस्ट में उन्होंने पिच का बेहतरीन इस्तमाल किया, जिसका फायदा उन्हें मिला और उन्होंने 10 विकेट हासिल किये। कुंबले ने इस सीरीज में 14.85 के औसत से 21 विकेट लिए थे। क्या आदमी था! मैं पाकिस्तान के लिए दूसरे टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ स्कोरर था लेकिन फिर भी वह मुझ पर भारी पड़ रहे थे," अफरीदी ने कहा।
अफरीदी ने गौतम गंभीर के बारे में बात कि और बताया कि उनके रवैये के साथ हमेशा से समस्या रही हैं। "गौतम गंभीर और उनका रवैया। वह ऐसा व्यक्ति हैं जिसका कोई व्यक्तित्व नहीं हैं। उनके नाम कोई बड़ा रिकॉर्ड नहीं हैं लेकिन उनमे बुरे रवैये की कमी नहीं हैं। उन्हें ऐसा लगता हैं जैसे उन्होंने डॉन ब्रैडमैन या जेम्स बोंड से भी आगे निकल गए हो," अफरीदी ने कहा।
"जहां तक बात भारतीय खिलाड़ियों और उनके साथ हमारे रिश्तों की हैं, चीजें काफी बदल चुकी हैं। मैदान के बाहर हम काफी करीब हैं। उनमे से कुछ काफी अच्छे दोस्त हैं। लेकिन राजनीति अब सब जगह फ़ैल चुकी हैं। आप वीरेंद्र सहवाग को देखिये, वे पाकिस्तान के बारे में कैसे नकारात्मक ट्वीट करते हैं। क्या इस तरह का व्यवहार जिम्मेदार व्यक्ति का होता है।"
"पकिस्तान में हम एम्बेसडर हैं। हम मैदान के अलावा इसे बांटते नहीं हैं। इस नए 'हाइपर भारत' मैं जाहिर तौर पर कोहली, सहवाग और बाकियों को यह समझ नहीं आता। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी के दौरान, मैंने एक बार पूरी टीम को डिनर का निमंत्रण दिया था। यहां तक की हमने साथ में पार्टी भी की। अब हम मुश्किल से एकदूसरे के कमरों में जाते हैं, अगर मुमकिन हो," उन्होंने कहा।
अफरीदी ने महेंद्र सिंह धोनी का भी जिक्र किया और बताया कि वह ऑल टाइम बेस्ट इंडिया पाकिस्तान XI में उनके पसंदीदा विकेटकीपर हैं। उन्होंने धोनी को हीटर, फिनिशर, कीपर और सोल्जर के रूप में संबोधित किया।