वसीम जाफर ने बताया कि धोनी भी क्रिकेट खेलकर सिर्फ 30 लाख कमाना चाहते थे, ताकि वह रांची में शांति रह सके।
महेंद्र सिंह पिछले लगभग 8 महीने से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हैं, लेकिन बावजूद इसके वह हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। धोनी के इस समय देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी करोड़ों फैंस हैं। हालांकि 2004 में जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी, तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि वह इतने आगे तक जायेंगे और दुनिया के सबसे सफल क्रिकेटरों में से के बनेंगे, यहां तक कि खुद धोनी ने भी नहीं।
छोटे शहरों से आने वाले अन्य खिलाड़ियों की तरह धोनी के सपने भी ज्यादा बड़े नहीं थे। भारत के पूर्व ओपनर वसीम जाफर, जिन्होंने धोनी के साथ उनके शुरूआती दिनों में ड्रेसिंग रूम साझा किया हैं, ने बताया कि धोनी भी "क्रिकेट खेलकर सिर्फ 30 लाख कमाना चाहते थे," ताकि वह रांची में शांति रह सके। जाफर ने यह खुलासा ट्विटर पर फैंस से बात करते समय किया।
एक फैन द्वारा महेंद्र सिंह धोनी के साथ अपनी एक याद के बारे में पूछे जाने पर जाफर ने कहा, "भारतीय टीम में अपने पहले या दूसरे साल में, मुझे याद हैं उसने कहा था, वह क्रिकेट खेलकर 30 लाख कमाना चाहता हैं ताकि बची हुई अपनी जिंदगी आराम से रांची में बिता सके।"
धोनी, जिन्होंने विश्वकप 2019 के सेमीफाइनल में अपना अंतिम क्रिकेट मैच खेला था, इस आईपीएल से क्रिकेट में वापसी करने वाले थे। हालांकि कोरोना वायरस के फैलने के कारण आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया हैं।