रणजी ट्रॉफी के दोनों सेमीफाइनल शनिवार को शुरू होंगे, जिनमे पहला मैच बंगाल और कर्नाटक के बीच जबकि दूसरा मैच सौराष्ट्र और गुजरात के बीच होगा।
लेकिन सेमीफाइनल खेल रही चारो टीमें - बंगाल, कर्नाटक, सौराष्ट्र और गुजरात - वर्चुअल पिच मैप और स्लो मोशन कैमरों का फायदा उठा सकेंगे जब हर टीम को प्रत्येक पारी में 4 रिव्यु मिलेंगे।
"मुझे डीआरएस का ज्यादा अनुभव नहीं हैं। यह अभी सीमित उपयोग के लिए हैं और उम्मीद हैं कि यह कुछ बड़ी गलतियों को होने से रोकेगा," बंगाल कोच अरुण लाल ने कर्नाटक के साथ अपने मुकाबले से पहले कहा।
बंगाल के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन ने भी इस पर अपनी राय रखी हैं। "यह नई चीज हैं लेकिन मुझे लगता हैं कि सबसे टीवी पर काफी क्रिकेट देखा हैं, तो हमें थोड़ी जानकारी हैं कि यह कैसे काम करता हैं। मुझे लगता हैं कि घरेलु मैचों में डीआरएस होने एक बहुत अच्छी बात हैं, विशेष तौर पर सेमीफाइनल या फाइनल में, क्योंकि यहाँ इतनी अधिक तकनीक उपलब्ध नहीं हैं," उन्होंने कहा।
"अंपायर कई बार गलतियाँ कर सकते हैं। एक इंसान गलतियाँ कर सकता हैं, लेकिन इसका सामना करने के लिए आपके पास तकीं हैं जो शायद किसी टीम के लिए पूरा खेल बदल सकता हैं और यह खेल के किसी प्रमुख समय पर परिणाम बदला सकता हैं।" टीम के पूर्व कप्तान और वरिष्ठ खिलाड़ी मनोज तिवारी ने बताया कि वह टीम से इस बारे में बात करेंगे और देखेंगे की डीआरएस का सबसे बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जा सकता हैं।
"हम इसके बारे में वीडियो एनालिस्ट, अंपायर और रेफ़री से प्री मैच मीटिंग में बात करेंगे। मैं स्लिप में रहकर मदद करने की कोशिश करूँगा लेकिन मुझे लगया हैं यह विकेटकीपर और गेंदबाज होगा जो इस स्थिति को सबसे बेहतर समझ पायेगा," तिवारी ने कहा।
बंगाल की टीम शनिवार को कर्नाटक का सामना करेगी, जिसमे केएल राहुल और मनीष पांडे वापसी कर रहे हैं। हालांकि यह मैच ईडन गार्डन्स में खेला जाएगा और बंगाल को घरेलु परिस्थितियों का लाभ मिलेगा।