ट्रॉफी उठाना हमारा सपना था, और हमारा सपना सच हुआ : अकबर अली

अंडर-19 विश्वकप के फाइनल में रविवार को 3 विकेट से जीत के बाद बांग्लादेश ने अपनी पहली अंडर-19 विश्वकप ट्रॉफी जीत ली।

By Raj Kumar - 10 Feb, 2020

एक ऐसा देश जहाँ सफलता आम नहीं हैं, हर उपलब्धि का जश्न जमकर मनाया जाता हैं। ऐसे में जब जब बात पहली बार आईसीसी ट्रॉफी जीतने की हो, इसका जश्न असीमित था। बांग्लादेश की सीनियर टीम इस समय पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी में टेस्ट मैच खेल रही रही हैं, लेकिन फैंस का ध्यान रविवार को बांग्लादेश की अंडर-19 टीम पर था, जो पहली बार अंडर-19 विश्व के फाइनल में पहुंचे थे।

भारत की मजबूत टीम के खिलाफ बांग्लादेश की जीत संभावना न के बराबर लग रही थी, परन्तु शानदार गेंदबाजी के बदौलत पहले बांग्लादेश ने भारत को 177 के स्कोर पर ऑलआउट किया और फिर दूसरी पारी के बारिश से बाधित होने के बाद 170 रनों के लक्ष्य को 42.1 ओवर में 7 विकेट गवाकर हासिल कर लिया। मैच में रकीबुल हसन ने अंतिम रन लिया और इसके साथ ही बांग्लादेश की टीम ने मैदान में आकर जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया।

"जिस तरह से फैंस ने बांग्लादेश क्रिकेट टीम का समर्थन किया हैं, मुझे लगता हैं की वह एक टाइटल के हकदार थे। हम इसे करकर खुश हैं," बांग्लादेश के अंडर-19 कप्तान अकबर अली ने मैच के बाद कहा। "वह अपने इस खेल के प्रति जूनून के लिए इसके हकदार थे, इसलिए मुझे भविष्य में भी इसी तरह के समर्थन की उम्मीद रहेगी। हमें बराबर समर्थकों की उम्मीद थे। दर्शक हमारे 12 वें खिलाड़ी थे," अकबर अली ने कहा।

अकबर ने मैच में खुद 43 रनों की बेहद ही धैर्यपूर्वक नाबाद पारी खेली थी, ताकि वह सुनिश्चित कर सके कि बांग्लादेश दबाव की स्थिति में कुछ गलती न करे। "नहीं, हम चीजों को सरल रखना चाहते थे। मेरा मतबल, तमीम और परवेज हुसैन ने हमें अच्छी शुरुआत दी लेकिन फिर रवि बिश्नोई आए, जिन्होंने जबरदस्त गेंदबाजी की। इसलिए मुझे इसका श्रेय उन्हें देना होगा। मुझे पता था कि यह लक्ष्य का पीछा बहुत मुश्किल होगा, क्योंकि भारत एक मजबूत टीम हैं। जब मैं मैदान पर आया, तो हमें जानते थे कि हमें एक बड़ी साझेदारी की जरुरत हैं। परवेज ने मेरा अच्छा साथ दिया," अकबर ने आगे कहा।

"मुझे टूर्नामेंट की शुरुआत में बल्लेबाजी के अधिक मौके नहीं मिले। मैं मौके का इन्तजार कर रहा था और फाइनल में, यह मुझे मिला और मेरे पास योजना तैयार थी। योजना थी कि मुझे विकेट नहीं गवाना हैं और मैच ख़त्म करना हैं। जब हमने शुरुआत कि तो ट्रॉफी उठाने का एक सपना था। इसलिए यह एक सपने के सच होने जैसा हैं। मुझे नहीं पता की आगे क्या कहूँ, मैं अपने जज्बातों को बयां नहीं कर सकता," उन्होंने आगे कहा।

By Raj Kumar - 10 Feb, 2020

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