पुलवामा हमले के बाद से पूरा देश आक्रोश में डूबा हुआ हैं, जिसके चलते चिर-प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा फैसला लेने की योजना बनाई जा रही हैं|
यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्रवाई का वादा किया है, क्रिकेट प्रशंसक चाहते हैं कि विराट कोहली और उनकी टीम पाकिस्तान का बहिष्कार करें और उन्हें 16 जून को मैनचेस्टर में 2019 विश्व कप में उनके खिलाफ न खेले| जबकि इसको ध्यान में रखते हुए कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं कि क्या सदस्य भागीदारी समझौते (एमपीए) बीसीसीआई को ऐसा करने की अनुमति देंगे, जिसका जवाब बीसीसीआई के ट्रेजरर अनिरुद्ध चौधरी ने दिया हैं|
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, चौधरी ने 22 जून, 2018 को बोर्ड की विशेष आम बैठक का हवाला देते हुए कहा हैं कि बीसीसीआई ने अभी तक मेंबर पार्टिसिपेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं किया है, जिससे भारत के पास ये अधिकार है कि वो पाकिस्तान के साथ खेलने या फिर पूरे विश्व कप में हिस्सा लेने पर कोई भी फैसला ले सकता है|
उन्होंने कहा हैं कि, “बीसीसीआई ने विशेष आम बैठक में यह संकल्प लिया कि सदस्यों की भागीदारी समझौते को बीसीसीआई के सामान्य निकाय के प्राधिकरण के बिना निष्पादित नहीं किया जाएगा और बीसीसीआई एमपीए के बारे में और किसी भी अन्य बहु-राष्ट्र टूर्नामेंट में अपनी भागीदारी के बारे में या या एमपीए द्वारा कवर नहीं किए गए खेल अपने सभी अधिकारों को सुरक्षित रखता है| यह आपके सवाल का जवाब हैं|"
बोर्ड के एक अन्य अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि मौजूदा परिस्थितियों में, बीसीसीआई पाकिस्तान को मैच खेलने से मना कर सकता है क्योंकि अगर भारत ने एमपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद ही मैच नहीं खेला तो पाकिस्तान को मैच जीतने से मना कर दिया जाएगा|