सीओए ने अभी तक नहीं दी हैं विदेशी दौरों पर पत्नियों और गर्लफ्रेंड को साथ ले जाने की अनुमति

By Pooja Soni - 18 Oct, 2018

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) अंतिम फैसला लेने से पहले सभी खिलाड़ियों से बात करेगी, कि क्या उनकी पत्नियों को पूरे विदेशी दौरे पर रहने की अनुमति दी जाए या नहीं| 

बोर्ड की वर्तमान नीति के अनुसार क्रिकेटर्स विदेशी दौरे पर अपनी पत्नियों को केवल 14 दिन के लिए ही साथ रख सकते थे| इसे लागू करने के पीछे सीओए का ये मानना था कि परिवार से दूर रहने पर खिलाड़ी अपने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे| पिछले हफ्ते की रिपोर्ट में कहा गया था कि कप्तान विराट कोहली से विदेश दौरों पर पत्नियों को साथ रखने की नीति में बदलाव करने का अनुरोध किया था|

सीओए समिति की सदस्य सदस्य डायना एडुलजी के साथ निर्णय लेने की जल्दबाजी में नहीं हैं, जहाँ उनका कहना हैं कि वे इस मुद्दे पर व्यापक रूप से विचार प्राप्त करने का इंतज़ार कर रही हैं| इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एडुलजी ने कहा एडुलजी ने कहा हैं कि, "बोर्ड ने कोई फैसला नहीं लिया है| अभी तक, बोर्ड की वर्तमान नीति बनी हुई है| यह एक नीति का निर्णय है जिसे रातों-रात नहीं बदला जा सकता है|"

उन्होंने कहा हैं कि नीति को बदलने से पहले बोर्ड को "सावधानी बरतनी की" की जरुरत हैं| कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, कोच रवि शास्त्री और हैदराबाद में भारत-वेस्टइंडीज टेस्ट से पहले चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद के साथ सीओए बैठक के दौरान इस पर चर्चा की गई हैं| एडुलजी ने कहा हैं कि बीसीसीआई सिर्फ एक व्यक्ति के विचार से सहमत नहीं हो सकता है और सभी संबंधित लोगों की राय जानने की जरूरत है|

उन्होंने आगे कहा हैं कि, "यह मुद्दा बैठक के दौरान सामने आया हैं और हमने एक आम चर्चा की हैं| यह एक व्यक्ति के विचार पर आधारित नहीं हो सकता है, कुछ आरामदायक भी हो सकते हैं और कुछ नहीं भी| कोई भी फैसला किसी भी समस्या का कारण नहीं बनना चाहिए| हम भारतीय टीम के अन्य सदस्यों से भी परामर्श करने जा रहे हैं|"

By Pooja Soni - 18 Oct, 2018

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