कपिल देव के अनुसार एशियाई खेलों ने भारतीय खेल में एक नई प्रवृत्ति प्रदर्शित की है

By Pooja Soni - 04 Sep, 2018

पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव के लिए, एशियाई गेम्स एक "रोमांचकारी" अनुभव था, क्योंकि इसने एक उभरते हुए भारत ने प्रदर्शन किया हैं, जहाँ विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले युवाओं ने बड़े खेल के मंचों पर पदक जीतना सीखा है|

The Hindu की रिपोर्ट के अनुसार 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाले क्षेत्रीय सेना और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीएएएफआई) की घोषणा पर उन्होंने कहा हैं कि, "मुझे यहां पर गर्व हो रहा हैं|"

क्षेत्रीय सेना के मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में अपनी क्षमता में कपिल इस कार्यक्रम के लिए ब्रांड एंबेसडर भी है, जिन्हे भारत के आधिकारिक राष्ट्रीय मैराथन के रूप में पदोन्नत किया जा रहा है| हालांकि, इस साल इसे हाफ-मैराथन के रूप में चलाया जाएगा|

कपिल ने भारतीय खेल में सफलता की कहानियों की बढ़ती संख्या के संदर्भ में बताया हैं, जहाँ गैर-खेल और विनम्र पृष्ठभूमि से आने वाले किशोर चैंपियन के रूप में उभरे हैं| उन्होंने कहा हैं कि, "अब किसी खिलाड़ी की पृष्ठभूमि से कोई फर्क नहीं पड़ता हैं| जिसकी वास्तविक प्रेरणा हिमा दास हैं|"

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा हैं कि, "उनमें से ज्यादातर युवा विनम्र पृष्ठभूमि से आए हैं, लेकिन इस वजह ने उन्हें पदक जीतने से नहीं रोका है| हमारे लड़कों और लड़कियों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है| आज कोई भी ये नहीं कह सकता हैं कि मैं अच्छा नहीं कर सकता हूँ, क्योंकि मुझे अवसर नहीं मिला|"
 
कपिल ने कहा हैं कि, "कभी-कभी आपको मौके तलाश करने पड़ते हैं और अपना भाग्य खुद लिखना पड़ता ह| खेल उत्सव के बारे में है और यहाँ भक्तिवाद के लिए कोई जगह नहीं है, जो आपको केवल एक निश्चित स्तर तक ले जा सकती है| यह एथलेटिक्स में काम नहीं करता है, जो कि एक मापनीय घटना हैं|".

इसके अलावा भारतीय दिग्गज ने विभिन्न संघों के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि, "आप संघों के बिना ऐसा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं| एथलीट चमक रहे हैं और एशियाई खेलों ने भारतीय खेल में नई प्रवृत्ति का प्रदर्शन किया है| मुझे हमारे पदक विजेताओं पर गर्व है|"

By Pooja Soni - 04 Sep, 2018

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