जब गौतम गंभीर को दिल्ली डेयरडेविल्स का कप्तान बनाया गया था, तो बहुत से लोगों को उनसे अच्छा प्रदर्शन करने और अपने जीतने के फार्मूले को आगे बढ़ाने की उम्मीद थी |
लेकिन टूर्नामनेट में दिल्ली का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और अंक तालिका के आंकड़ों ने सबकुछ बयां कर दिया | जिसके बाद गंभीर ने खुद ही बिना किसी दवाब के कप्तानी के पद से हटने का फैसला कर लिया |
साल 2011 के विश्व कप में उनके प्रदर्शन के बाद उनकी प्रतिष्ठा में और भी बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन उसके बाद टीम में कई बार ऐसा मौका आया जब उनके प्रदर्शन को नज़रअंदाज़ किया गया |
पूर्व मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने खुलासा किया है कि गंभीर को टीम से निकाले जाने के बाद गंभीर ने हमारी दोस्ती को समाप्त कर दिया था | भारतीय टीम में रहते हुए गंभीर के साथ पाटिल का रिश्ता दिन ब दिन और भी मजबूत हो रहा था और वे नियमित रूप से फोन पर अपने प्रदर्शन के बारे में चर्चा किया करते थे |
Quint की रिपोर्ट के अनुसार संदीप पाटिल ने बताय है कि, "जब गंभीर अपने करियर के दौरान सफलता की सीढ़िया चढ़ रहा था, तो मैंने उसके चेहरे पर उसकी चमक देखी थी | अगले 7-8 सालों तक हमारी दोस्ती इसी तरह से जारी रही और उसके करियर में सब कुछ अच्छा चल रहा था | लेकिन अचानक, उन्हें भारतीय टीम से निकाल दिया गया और इसके पीछे का मुख्य कारण लगातार बढ़ती उनकी 'रवैये की समस्या' थी |"
पाटिल ने आगे कहा कि, गंभीर के इसी रवैये की वजह से उन्हें टीम में शामिल किया गया था, लेकिन टीम से उन्हें बाहर करने का कारण भी उनका यही रवैया था | उन्हें भारतीय क्रिकेट के अमिताभ बच्चन के नाम से भी जाना जाता था |
उन्होंने बताया कि, "मैं निश्चित रूप से ये बात मानता हूँ, कि हर क्रिकेट खिलाड़ी में थोड़ा बहुत रवैये की समस्या होती है; लेकिन यदि कोई खिलाड़ी अपना ये स्वाभाव अपनी ही टीम के साथियो को दिखाए तो इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है | दुर्भाग्यवश, इसी की वजह से मैंने अपने कुछ अच्छे दोस्त खो दिए | लेकिन मेरे लिए, भारतीय क्रिकेट टीम और भारतीय क्रिकेट का भविष्य हमेशा ही प्राथमिकता था |"