कृष्णमाचारी श्रीकांत के अनुसार मध्यम-क्रम का असंगत होना भारत के लिए हैं चिंताजनक संकेत

By Pooja Soni - 24 Feb, 2018

पूर्व भारतीय कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत का मानना ​​है हैं कि भारत का दक्षिण अफ्रीकी दौरा सफल रहा है, जबकि विशेष रूप से मध्य क्रम में सुधार की कुछ गुंजाइश है, जिसमे वे लगातार नाकाम रहे है |

वह इस तथ्य से चिंतित है कि कप्तान विराट कोहली, जो पूरे दौर में शानदार फॉर्म में रहे हैं, को छोड़कर मध्य-क्रम के अन्य बल्लेबाजों में से किसी में भी किसी भी प्रकार की निरंतरता नज़र नहीं आई |

टीओआई के अपने कॉलम में श्रीकांत ने तीन मैचों की श्रृंखला के पहले दो मैचों में मिली हार के बाद जोहान्सबर्ग में तीसरे टेस्ट मैच में वापसी के लिए टीम की जमकर तारीफ की हैं | उन्होंने कहा हैं कि, "यह कहना होगा कि यह दक्षिण अफ्रीका में भारत के लिए एक सफल दौरा है | अगर मैं कप्तान होता,  तो जिस तरह से जोहान्सबर्ग में टीम ने वापसी की, उससे मैं बहुत खुश होता और वापस कभी पीछे नहीं देखता |"  

उन्होंने कहा कि, "कुल मिलाकर, यह यात्रा काफी कुछ सकारात्मक रही है | कोहली बल्ले से अद्भुत रहे हैं और उनकी सेना भी आगे बढ़ रही हैं | गेंदबाजी इकाई असाधारण रही है | तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी पूरे टेस्ट सीरीज़ में गेंद के साथ बहुत ही शानदार रहे हैं |  कलाई वाले स्पिनर, युजवेन्द्र चहल और कुलदीप यादव वनडे सीरीज के दौरान बहुत ही शानदार रहे हैं, जिन्होंने मेजबानों को सीरीज के दौरान अपने जाल में फसाये रखा |"

लेकिन फिर भी उन्होंने भारत की बल्लेबाजी क्रम में दो स्पष्ट कमियां को जल्दी ही संबोधित करने को कहा हैं | पूर्व कप्तान ने कहा हैं कि, "हालांकि, चिंता के प्रमुख विषयो में से एक मध्य-क्रम के साथ एक स्थिरता का कारक है और कुछ हद तक लाल गेंद के क्रिकेट में एक हद तक सलामी बल्लेबाजों का विस्तार करना होगा | केप टाउन में पहला टेस्ट मैच हमारे पक्ष में था और हमे जीत आसानी से mil सकती थी | लेकिन हमारी ये हार बल्लेबाजी में मिली पराजय के वजह से मिली और इसने हमें बुरी तरह से प्रभावित किया है | सलामी बल्लेबाजों ने पुरे टेस्ट में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया नहीं किया और अब हमे आगे इसे संबोधित करना होगा |"

विश्व कप विजेता ने आगे कहा हैं कि, "जब सलामी बल्लेबाजों ने छोटे प्रारूपों में चीजें बदल दीं हैं, तो कोहली के अलावा, मध्य-क्रम में सभी प्रारूपों में बहुत असंगत रहे हैं वे | कुछ मध्य-क्रम के बल्लेबाजों ने यहां कुछ और शानदार प्रदर्शन किये हैं | हालांकि, निरंतरता की कमी है और यह एक ठोस मध्य-क्रम के लिए महत्वपूर्ण है, जो कि किसी भी पक्ष की रीढ़ की हड्डी है | यह चिंताजनक संकेत है और इसे ध्यान में रखना होगा, ताकि हम विदेशों में अधिक जीत हासिल कर सकें |"

By Pooja Soni - 24 Feb, 2018

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