भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने राज्य संघों को भेजे पत्र में 2017-18 सत्र की जगह 2016-17 लिख दिया |
बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने 28 फरवरी को राज्य संघों को मुंबई में होने वाली कप्तानों-कोचों की वार्षिक बैठक के लिए जो पत्र भेजा था, उस पर मौजूदा सत्र में 2017-18 की जगह 2016-17 लिखा था | इस पत्र में लिखा गया हैं कि, "इस बैठक का उद्देश्य कप्तानों और कोचों से 2016-17 में खत्म हुए रणजी ट्राफी सत्र के बारे में प्रतिक्रिया लेना और चर्चा करना है |"
स्पष्ट रूप से यह गलती प्रशासनिक विभाग की तरफ से की गयी तथ्यात्मक और टाइपोग्राफिक गलती है, लेकिन अधिकतर राज्य संघ इस बात से अनजान है कि इसका पता लगने के बाद भी किसी ने अब तब इस गलती को सही करने की कोशिश ही नहीं की हैं |
राज्य संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना बांटने की शर्त पर बताया हैं कि, "यह उनकी गलती है, लेकिन ऐसा लग रहा कि उन्होंने पिछले साल के पत्र को फिर से कापी-पेस्ट करके भेज दिया है | उन्हें थोड़ी सावधानी बरतनी थी |"
उन्होंने आगे कहा कि, "मुझे लगता है किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से पहले सचिव को एक बार पहले पत्र को पढ़ लेना चाहिये था | इससे घरेलू मैचों के प्रति बीसीसीआई के रूख का पता चलता हैं |"