अभय शर्मा के अनुसार क्रिकेट तीन कौशल का खेल है

By Pooja Soni - 07 Feb, 2018

न्यूजीलैंड की स्थितियों का अनुकरण और उनका सामना करना भी, आईसीसी U-19 विश्व कप में भारत के प्रभुत्व की एक कुंजी थी | वही फील्डिंग कोच अभय शर्मा का मानना हैं कि इन सबक का श्रेय राहुल द्रविड़ को जाता हैं | 

स्पोर्ट स्टार की रिपोर्ट के अनुसार अभय ने मुख्य कोच की प्रशंसा में कहा हैं कि, "एक बार जब मुझे यह पता चल गया था कि मेरे पास काम करने की स्वतंत्रता हैं, जिसे की मैं अपने तरीके से काम कर सकता हूँ, तो मेरे लिए तो एक उत्कृष्ट साझेदारी के लिए रास्ता साफ हो गया था |"

उन्होंने कहा कि, "हमेशा ही ये कहा जाता है कि भारत मुख्य रूप से घर पर एक अच्छी टीम है | लेकिन  हम उस धारणा को बदलना चाहते थे | हम धीरे-धीरे अनुकूलित होने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन  पिछले कुछ सालों में यह प्रवृत्ति बदल गई है और इस बार ये बात साबित भी हो गई |"

अभय ने कहा कि, "यहाँ एक बड़े शहर में होने कोई व्याकुलता नहीं थी | हमने न्यूजीलैंड में किये मुकाबले को ध्यान में रखते हुए हरे रंग की सतहों और पिचों को दलदली उछाल के साथ इस्तेमाल किया | हमने प्रत्येक सत्र की योजना बनाई थी |"

"जब न्यूज़ीलॅंड में गेंद पिच पर पद के मूव्मेंट करती है और उचाई पर पहुंच जाती हैं तो यह मुश्किल हो जाता है | मैं गेंदबाजी मशीनों का इस्तेमाल स्लिप्स, गुल्ली , प्वाइंट और स्क्वायर लेग में फील्डर्स को कैच करने के  लिए किया हैं | स्लिप में आपने जो भयानक कैच देखि हैं, वो तैयारी का ही नतीजा था |"

भारत के पूर्व अंडर-19 कप्तान अभय ने खेल में बदलाव को देखा हैं | उन्होंने कहा हैं कि, "क्रिकेट सिर्फ एक कौशल का खेल नहीं है | आप इसे 70 के दशक और 80 के दशक में कर सकते हैं | लेकिन यह एक तीन- कौशल (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण) का खेल हैं | प्रत्येक कौशल दूसरे का पूरक  है | शानदार फील्डर्स रन नहीं रोकते हैं, बल्कि कैच और रन आउट के लिए भी मौका बनाते हैं | हमारे पास हमेशा फेकि गई गेंद को कवर करने के लिए तीन फील्डर्स होते हैं | जिसने प्रत्यक्ष हिट को प्रोत्साहित किया हैं |"

 

By Pooja Soni - 07 Feb, 2018

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