बीसीसीआई के अनुबंधित कमेंटेटर्स को मिली अख़बारों में कॉलम लिखने की अनुमति

By Pooja Soni - 19 Jan, 2018

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर? (सीओए) ने फैसला किया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से अनुबंधित कमेंटेटर्स अब अख़बारों में अपने कॉलम्स लिख सकते हैं और साथ ही प्रायोजित पुरस्कार / रेटिंग कार्यक्रमों का हिस्सा भी बन सकते हैं |

इस मुद्दे पर सीएए ने पहले अक्टूबर में चर्चा की थी और पिछले ही महीने इस पर ये फैसला लिया गया हैं | 4 दिसंबर को आयोजित बैठक में लिया गया फैसला, जो कि बीसीआईआई वेबसाइट पर प्रसारित किया गया था, में लिखा हैं कि, "विचार-विमर्श करने के बाद, सीओए ने फैसला लिया हैं कि वह न तो (i) अखबार के लिए प्रायोजित कॉलम लिखने के लिए कमेंटेटर्स पर कोई रोक लगाएंगे और (ii) न ही प्रायोजित पुरस्कार / रेटिंग कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उन पर रोक लगाएंगे |" 

इससे पहले चार बीसीसीआई से अनुबंधित कमेंटेटर्स सुनील गावस्कर, संजय मांजरेकर, हर्षा भोगले और मुरली कार्तिक को संघर्ष के लिए हित के प्रकटीकरण फॉर्म सौंप दिए गए थे | इसके बाद, व्यावसायिक प्रबंधन समूह (पीएमजी) के निदेशक गावस्कर को खिलाड़ी प्रबंधन के पक्ष की कंपनी बंद करनी पड़ी थी | सूत्रों ने बताया हैं कि सीओए ने महसूस किया कि कमेंटेटरों को अपने कॉलम्स लिखने से रोकने का मतलब हैं कि उनके बोलने की स्वतंत्रता को रोकने के लिए रोकना |

बीसीसीआई एक पारदर्शी निकाय बनाने के लिए लोढ़ा पैनल द्वारा सुझाए निर्देशों पर काम करने से बचना चाह रहा था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीओए को नियुक्त किया था | बीसीसीआई वेबसाइट पर अपलोड किए गए दस्तावेज में कई अन्य विवरण थे, जिनमें चर्चा हुई थी जिसमें भारतीय महिला क्रिकेट टीम का दक्षिण अफ्रीका का दौरा भी शामिल है, जिसकी शुरुआत 24 जनवरी से होगी |

By Pooja Soni - 19 Jan, 2018

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