क्या संजीव गोयनका ने ललित मोदी के फोन कॉल पर किया राजस्थान रॉयल्स को न खरीदने का फैसला?

By Pooja Soni - 08 Dec, 2017

आज से साल पहले जब आईपीएल की शुरुआत हुई थी, तब उसे शुरू करने में अहम भूमिका निभाने वाले इसके पहले कमिश्नर भले ही लंबे वक्त से क्रिकेट और देश से दूर हैं लेकिन अभी भी उनके एक फोन कॉल पर बोर्ड में हड़कंप मच सकती है |

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक दो साल के लिए आईपीएल में शामिल हुई पुणे सुपर जायंट्स फ्रैंचाइजी के मालिक संजीव गोयनका राजस्थान रॉल्स की टीम में स्टेक खरीना चाहते थे, लेकिन ललित मोदी के एक फोन कॉल ने गोयनका का पूरा मामला ही ख़राब कर दिया |  

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के मामले फसे होने के कारण दो साल के लिए निलंबित हुई, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स की जगह पर शामिल की गई एक टीम पुणे सुपरजायंट् के मालिक आईपीएल में आगे भी जुड़े रहना चाहते थे | निलंबन का समय पूरा हो जाने के बाद, अब दोनों टीम आईपीएल में वापसी करने के लिए तैयार हैं और ऐसे में पुणे की टीम की आईपीएल में यात्रा खत्म हो चुकी है | जिसके बाद संजीव गोयनका वापसी कर रही राजस्थान रॉयल्स को खरीदना चाहते थे |

बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि, "आरपीएसजी ग्रुप ने पिछले साल उनकी टीम के साथ अच्छा काम किया था | उनके प्रबंधन भी शीर्ष स्तर के थे और इसी वजह से वे इस सीजन में आईपीएल में उन्हें शामिल करना महत्वपूर्ण था | लेकिन वे मोदी के विवादित सौदों में शामिल नहीं होना चाहते थे | अभी भी एक आईपीएल टीम खरीदने में दिलचस्पी है |"

खबरों के अनुसार जब गोयनका और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों के बीच बातचीत थोड़ी आगे बढ़ी, तब ही कुछ दिन बाद गोयनका के पास ललित मोदी का फोन आया और उन्होंने कहा कि राजस्थान रॉयल्स में स्टेक खरीदने के लिए गोयनका को उनसे बात करनी होगी |

साथ ही गोयनका ने यह बात बोर्ड के अधिकारियों के बताई और फिर जो चर्चा हुई तो उसके बाद गोयनका ने राजस्थान रॉयल्स से जुड़ने का विचार छोड़ दिया हैं |

जाहिर सी बात है कि बोर्ड किसी भी हालत में ललित मोदी का कोई भी इनवॉल्वेंट नहीं चाहतै है | यही कारण है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के निलंबन की वापसी के लिए बोर्ड ने कड़ी शर्तें रखी हैं, जिनमें ललित मोदी को कोई भी पद न देने का मामला दायर करना भी शामिल है |

By Pooja Soni - 08 Dec, 2017

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