सचिन तेंदुलकर ने "आज भी रोंगटे खड़े हो जाते" कहकर विश्वकप 2011 की जीत को किया याद

सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला विश्वकप 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता था।

विश्वकप ट्रॉफी के साथ सचिन तेंदुलकर और भारतीय टीम | Getty

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के अनुसार विश्वकप 2011 की जीत आज भी उनके रौंगटे खड़े कर देती हैं और उन्हें लगता हैं कि यह घटना कल ही हुई हैं। 2 अप्रैल 2011 को सचिन तेंदुलकर ने 6 वीं कोशिश में पहली बार महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर विश्वकप में जीत का स्वाद चखा। जीत के बाद भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर को अपने कंधे पर उठाकर पूरे ग्राउंड पर चक्कर भी लगाए थे।

इस पल को "Carried On The Shoulders Of A Nation" का नाम दिया गया जो भारत की एतिहासिक जीत को दर्शाता हैं और इसे लॉरेस स्पोर्टिंग मोमेंट 2000-2020 के लिए 5 शोर्ट लिस्ट दावेदारों में शामिल गया हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली और दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी इसके लिए फैंस से सचिन तेंदुलकर को वोट देने का निवेदन किया हैं।

"युवी, यह पल भारतीय टीम के लिए था और विश्व में मौजूद हर भारतीय के लिए भी। 2011 की विश्वकप जीत मेरे दिमाग में ऐसी ही जैसे कल ही यह हुआ हो। अभी भी इसके बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं," सचिन ने युवराज सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, जिन्होंने फैंस से सचिन के लिए वोट मांगे थे।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी अपने फैंस से सचिन तेंदुलकर के लिए वोट मांगे। "एक दोस्त, साथी, मेंटर और एक आइकॉन। आइये साथ मिलकर लॉरेस स्पोर्टिंग मोमेंट 2000-2020 के लिए सचिन पाजी को वोट करे," विराट ने अपने ट्वीट में लिखा।

"यह वास्तव में एक याद रखने वाला पल हैं विराट! ख़ुशी हैं कि आप जैसा साथी और दोस्त इस जश्न के लिए साथ था। आपके समर्थन के लिए धन्यवाद," विराट के ट्वीट का जवाब देते हुए सचिन ने लिखा।

फाउंडेशन ने सार्वजनिक मतदान के लिए लॉरेस स्पोर्टिंग मोमेंट 2000-2020 लॉन्च किया है, जो फैंस को 17 फरवरी को बर्लिन में लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स शो के दौरान घोषित किए गए विजेता को चुनने का मौका देता है।

 
 

By Raj Kumar - 13 Feb, 2020

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