आईसीसी अंडर-19 विश्वकप फाइनल के बाद खिलाड़ियों के बीच हुए झगड़े पर आईसीसी ने कड़ा रुख अपनाते हुए बांग्लादेश अंडर-19 के तीन और भारत अंडर-19 के दो खिलाड़ियों को आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट मामले में सजा सुनाई हैं।
अंडर-19 विश्वकप का फाइनल मुकाबला भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया था, जिसे बांग्लादेश ने 3 विकेट से अपने नाम करते हुए अपना पहला अंडर-19 विश्वकप जीता। मैच जीतने के साथ ही बांग्लादेश टीम के अन्य खिलाड़ी मैदान पर पहुँच गए और जीत का जश्न मनाने लगे, लेकिन इसी बीच एक बंगलादेशी खिलाड़ी ने भारतीय खिलाड़ियों के साथ बदसुलूकी की और उन्हें भड़काने की कोशिश करते नजर आये। इसके बाद दोनों तरफ के खिलाड़ियों के बीच बढ़ते विवाद को देखकर अंपायर ने दोनों को अलग किया।
मैच के बाद मैदान के अंपायर ने इसकी शिकायत अधिकारियों को दी, जिसके बाद मामले की सुनवाई में बांग्लादेश के मोहम्मद तौहीद हृदॉय, शमीम हुसैन और रकीबुल हसन ने अपनी गलती को स्वीकार किया, जबकि भारत की और से आकाश सिंह और रवि बिश्नोई भी अपनी गलती मानते हुए सजा को स्वीकार किया।
सजा के तौर पर बांग्लादेश के मोहम्मद तौहीद हृदॉय को 10, शमीम हुसैन को 8 और रकीबुल हसन को 4 सस्पेंशन पॉइंट दिए गए हैं, जबकि भारत की और से आकाश सिंह को 8 और रवि बिश्नोई को 5 को सस्पेंशन पॉइंट दिए गए हैं। बिश्नोई को एक अन्य मामले में 2 और सस्पेंशन पॉइंट दिए गए हैं, जहाँ उन्होंने अविषेक दास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तमाल किया था।
मैच के बाद भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान प्रियाम गर्ग ने बांग्लादेश टीम के इस व्यवहार को 'गन्दा' बताया था। "हम सामान्य थे। हार और जीत खेल का हिस्सा हैं। कभी आप जीतते हैं तो कभी हारते हैं, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया गन्दी थी। मुझे लगता हैं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन अब ठीक हैं," प्रियाम गर्ग ने कहा।
दूसरी तरफ बांग्लादेश टीम के कप्तान अकबर अली ने भी मैच के बाद अपनी टीम के व्यवहार के लिए माफ़ी मांगी। "जो भी हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था। क्रिकेट को जेंटलमैन के खेल के तौर पर जाना जाता हैं। इसलिए मैं अपनी टीम की तरफ से माफ़ी माँगना चाहूँगा," अकबर अली ने कहा।