अगर सौरव गांगुली नहीं होते तो मैं भी बाकी दोस्तों की तरह कनाडा में बस गया होता : हरभजन सिंह

हरभजन सिंह ने वर्ष 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलु टेस्ट सीरीज में 32 विकेट लेकर भारतीय टीम में वापसी की थी।

सौरव गांगुली के साथ हैट्रिक का जश्न मनाते हरभजन सिंह | Getty

भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह अपने समय में भारतीय टीम का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं। हरभजन ने वनडे में 269 विकेट लिए है जो किसी भी भारतीय ऑफ स्पिनर के लिए सबसे ज्यादा है। भारत की दो विश्वकप विजेता टीमों का हिस्सा रहे हरभजन ने भारत के लिए अंतिम बार एक टी-20 2016 में खेला था, लेकिन उनका करियर 2000 में ही समाप्त हो जाता अगर उस समय के कप्तान सौरव गांगुली वहां नहीं होते।

हरभजन सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया की कैसे सौरव गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलु सीरीज के लिए टीम में चुनकर उनके करियर को बचाया था।

"मैं काफी लम्बे समय से बाहर किया गया था। मुझे उस सीरीज से पहले एनसीए से भी निकाल दिया गया था, क्योकि में बहुत कमजोर था। अगर मेरे दोस्त सौरव गांगुली यहाँ नहीं होते तो शायद मैं भी मेरे बाकी दोस्तों की तरह कनाडा में कहीं बस गया होता। मेरे करियर के दौरान मेरा समर्थन करने के लिए सौरव गांगुली भाई का धन्यवाद," हरभजन ने गांगुली द्वारा होस्ट किये जाने वाले एक क्विज शो दादागिरी में कहा।

"मेरे पास उस सीरीज में ज्यादा विकल्प नहीं थे। मुझे विकेट लेने थे या फिर मेरी ये भारत के लिए अंतिम सीरीज होती," हरभजन ने आगे कहा।

अनिल कुंबले के चोट के चलते सीरीज से बाहर होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की इस सीरीज में हरभजन सिंह को मौका दिया गया था, जहाँ उन्होंने जबरदस्त वापसी की। हरभजन ने मुंबई में खेले गए टेस्ट की पहली ही पारी में 4 विकेट लिए, लेकिन टर्निंग पॉइंट कोलकाता में दूसरा टेस्ट रहा जहाँ हरभजन सिंह ने हैट्रिक झटकी।

"वह मेरे लिए एक अविश्वसनीय पल था," कोलकाता में टेस्ट हैट्रिक के बारे में बात करते हुए हरभजन ने कहा। "उससे बेहतर पल अगर कोई मुझे याद है तो वो 2007 और 2011 की विश्वकप जीत हैं। वह पल कुछ ख़ास था। दर्शक और मेरे साथी खिलाड़ी ऐसे जश्न मना रहे थे, जैसे वह उनकी हैट्रिक हो। मैंने पहली बार राहुल द्रविड़ को इस तरह जश्न मनाते देखा था। मैं हमेशा कहता हूँ की यह मेरी हैट्रिक नहीं थी, यह भारत की हैट्रिक थी।"

हरभजन ने इस तीन मैचों की सीरीज में कुल 32 विकेट हासिल किये थे, जिसे भारत ने 2-1 से जीता था, और इसके बाद उन्होंने कभी भी अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा।

 
 

By Raj Kumar - 16 Jan, 2020

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