चार दिवसीय टेस्ट मैचों के विचार पर विराट कोहली और रवि शास्त्री के समर्थन में आया बीसीसीआई

विराट कोहली चार दिवसीय टेस्ट मैचों को इस प्रारूप के साथ पहले ही खिलवाड़ बता चुके है और कोच रवि शास्त्री ने भी इसे बकवास बताया है।

विराट कोहली और रवि शास्त्री | AP

आईसीसी क्रिकेट समिति इस समय चार दिवसीय टेस्ट मैचों पर विचार कर रही है, लेकिन बीसीसीआई ने उनके इस प्रस्ताव को पूरी तरह से लाल झंडी दिखा दी है और उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री का समर्थन करने का फैसला किया है, जो इस विचार के पूरी तरह विरोध में है।

विराट कोहली और रवि शास्त्री, दोनों ने ही यह साफ़ कर दिया है कि वे टेस्ट क्रिकेट को सिर्फ पांच दिवसीय प्रारूप में ही देखना चाहते है और इसे चार दिवसीय मैचों में बदलकर इसकी चमक नहीं खोना चाहते है।

आईएएनएस से बात करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया की मुंबई में 12 जनवरी को होने वाले बीसीसीआई अवार्ड्स के कार्यक्रम के दौरान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से इस बारे में चर्चा की जायेगी, लेकिन बोर्ड इस समय पूरी तरह से कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के समर्थन में है।

"देखिये, इसका एक ही तरीका है की आप इसे मसलों की चर्चा करे और हम भी ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट, इंग्लैंड क्रिकेट और साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर वही कर रहे है, अभी के लिए हमारे विचार भी कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री जैसा है और हमें भी चार दिवसीय टेस्ट मैचों का कोई मतलब नजर नहीं आ रहा है। यह सिर्फ हमारे कप्तान और कोच के बारे में नहीं है, आपने सुना होगा की जो रूट और फाफ डू प्लेसिस ने भी इस पर अपने विचार साफ़ कर दिए है। ये निचले दर्जे की टीमों के लिए एक विकल्प है, लेकिन तब नहीं जो दो बड़ी टीमें भीड़ रहीं हों," अधिकारी ने कहा।

विराट कोहली ने भारत और श्रीलंका के बीच जारी टी-20 सीरीज के पहले मैच के दौरान इस प्रस्ताव पर अपने विचार रखे थे और कहा था कि, "इसे बदला नहीं जाना चाहिए। जैसा कि मैंने कहा, डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट के व्यावसायीकरण की दिशा में एक और अच्छा कदम है और आप जानते हैं कि यह कितना उत्साह पैदा कर रहा है, लेकिन इसे इतना ज्यादा नहीं बदला जा सकता है। मुझे तो ऐसा नहीं लगता।"

भारतीय मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी इस प्रस्ताव को बकवास करार दिया था। "अगर ऐसा होगा तो शायद हम सिमित ओवरों का टेस्ट खेलेंगे। यहाँ पांच दिवसीय टेस्ट मैचों से छेड़छाड़ की कोई जरुरत नहीं है। अगर वो ऐसा करते है तो टॉप 6 टीमों को पांच दिवसीय टेस्ट खेलने दिया जाए और बाकी की टीमें चार दिवसीय टेस्ट खेल सकती है। अगर आप टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते है तो टॉप 6 टीमों को अधिक से अधिक एक-दूसरे के साथ खेलने दीजिये।"

 
 

By Raj Kumar - 10 Jan, 2020

    Share Via