पृथ्वी शॉ 1990 के महान गेंदबाजी आक्रमण का आराम से सामना कर सकते है : किरण मोरे

पृथ्वी शॉ ने हाल ही में 8 महीने के प्रतिबंध के बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी की है, जहाँ पहले ही मैच में उन्होंने दोहरा शतक जड़ दिया है।

पृथ्वी शॉ | AFP

युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ जाहिर तौर पर भविष्य के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक है। जब से क्रिकेट बिरादरी का ध्यान उन पर गया है, उन्होंने अपने खेल के जरिये किसी को भी निराश नहीं किया है। हालाँकि डोपिंग में फ़ैल होने के चलते उन्हें इस साल 8 महीने क्रिकेट से दूर बिताने पड़े लेकिन वापसी के साथ ही उन्होंने इस समय की भरपाई करना शुरू कर दिया है।

अपनी रणजी टीम मुंबई के लिए इस सीजन खेलते हुए शॉ ने उन्हें मिलने वाले अधिकतर अवसरों का फायदा उठाया है। शॉ ने इस रणजी ट्रॉफी की शुरुआत भी बड़ौदा के खिलाफ अपना पहला दोहरा रणजी शतक लगाकर की है।

मैच में शॉ ने 66 और 202 रनों की पारियां खेली जिनके दम पर मुंबई ने इस मैच को 309 रनों से अपने नाम कर लिया। शॉ की इस पारी के बाद पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने उनकी जमकर तारीफ़ की।

"जब भी में उसे देखता हूँ, मेरे दिमाग में युवा सचिन तेंदुलकर का चेहरा आता है। ये निडर होकर बल्लेबाजी करना, दोनों के बीच आम था। आप उसके बल्ले की तरफ देखिये, और आपको पता चलेगा की वो इसके बारे में सोच रहा है। ऐसे ही महान तेंदुलकर, ब्रायन लारा और वीरेंद्र सहवाग बल्लेबाजी करते थे, वो लाइन को बहुत जल्दी पकड़ते थे और गेंद को मारने की पोजीशन में आ जाते थे," किरण मोरे ने कहा।

"वह (शॉ) एक बहुत ही विकसित बल्लेबाज है। बिलकुल पका हुआ प्लेयर है। में उसकी तरफ देखता हूँ और मुझे लगता है की वो 90 के दशक के गेंदबाजी आक्रमण को भी आराम से संभाल सकता है। ऐसा लगता है की पिच उसके लिए कोई मायने ही नहीं रखती। उसके क्रिकेट की बात करू तो वो बहुत अच्छा है। उसको अभी भारतीय टीम में शामिल कर लिया जाना चाहिए। वो बहुत ही दुर्लभ खिलाड़ी है," मोरे ने आगे कहा।

 
 

By Raj Kumar - 13 Dec, 2019

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