जहाँ बीसीसीआई की नयी व्यवस्था ने राष्ट्रिय चयनकर्ताओं के कार्यकाल को पांच साल से घटाकर चार साल करने का फैसला किया है, ऐसा माना जा रहा है कि इस अवधि में कटौती केवल चयनकर्ताओं के वर्तमान समूह पर लागू होने की संभावना है।
आगे चलकर बीसीसीआई द्वारा चयनकर्ताओं के कार्यकाल को चार साल से भी घटाकर तीन साल करने की उम्मीद है। मौजूदा संविधान, जो प्रशासकों की समिति के कार्यालय में होने पर पंजीकृत किया गया था, ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के कार्यकाल को चार से बढ़ाकर पांच साल कर दिया था और अब बोर्ड में नयी व्यवस्था आने के बाद एक बार फिर से चीजों को चार साल पहले जैसा ही किया जा रहा है।
हालाँकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का तो अब भी मानना है कि 'चार साल भी लम्बा समय है'। गांगुली ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से इस बारे में बात करते हुए कहा, "चार सालों का नियम आईसीसी विश्वकप के चक्र को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। लेकिन ये अब पुरानी बात हो चुकी है। अब चीजों को ताज़ा और योजनाओं को ध्यान में रखते हुए तीन साल का कार्यकाल पेश किया जा सकता है।"
वर्तमान में कार्यकाल के पांच साल से घटकर चार साल का होने पर सिर्फ मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा ही हमें चयन समिति से बाहर नजर आयेंगे। बचे हुए तीनो चयनकर्ता, जतिन परांजपे, सरनदीप सिंह और देवांग गांधी, एक साल के लिए और अपने पद पर रहेंगे।