मैं शेन वार्न का अच्छा दोस्त था, इसलिए ऑस्ट्रेलिया ने कभी मुझे स्लेज नहीं किया : अनिल कुंबले

 अनिल कुंबले | Getty

अनिल कुंबले क्रिकेट की दुनिया के सबसे प्रमुख लेग-स्पिनरों में से एक रहे है और व्यापक रूप से शेन वार्न और मुश्ताक अहमद के साथ-साथ कलाई के स्पिन की कला को खेल के आधुनिक युग में जीवित रखा है जब सभी कप्तानो की पसंद तेज गेंदबाज थे। कुंबले ने 1990 में इंग्लैंड में अपनी शुरुआत की और जल्द ही भारतीय टीम का अभिन्न हिस्सा बन गए।

विश्व के दूसरे कोने में शेन वार्न ने 1993 की एशेज में माइक गेटिंग को 'बॉल ऑफ़ द सेंचुरी' से आउट करके सीमित ओवर क्रिकेट में एक बार फिर लेग स्पिन की वापसी करवाई थी। उन्होंने 1999 में ऑस्ट्रेलिया के लिए आईसीसी विश्व कप जीतने के साथ ही, सेमीफाइनल और फाइनल में मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार जीता। अनिल कुंबले भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में आयोजित विल वर्ल्ड कप 1996 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे और 1999 में दिल्ली टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट पारी में सभी दस विकेट लिए थे।

अनिल कुंबले ने हमेशा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया चाहे वह भारत में हो या ऑस्ट्रेलिया में। उन्होंने 1990 और 2000 के दशक में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ 20 टेस्ट खेले और 30.32 की औसत से 111 विकेट लिए और 8/141 के सर्वश्रेष्ठ आंकड़े दर्ज किये। उन्होंने अपने करियर का अंत भी 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया, जिसमें 132 टेस्ट में 619 विकेट लिए।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और शेन वार्न के साथ अपनी प्रतिद्वंद्विता का आनंद लिया लेकिन उल्लेख किया कि वह उनका एक अच्छा दोस्त था जिनके पास वही कला थी जिसको उन्होंने साझा किया था।

"नहीं, मुझे ज्यादा याद नहीं है। मैंने जो सुना है वह यह है 'यदि आप शेन वार्न के दोस्त हैं, तो आप कभी स्लेज नहीं किये जायेंगे।' मैं शेन वार्न का दोस्त था, इसलिए मुझे कभी स्लेज नहीं किया गया," कुंबले ने अपनी बात में कहा।

उन्होंने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजी करना पसंद करते थे क्योंकि वे उस समय दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम थे और अगर उन्होंने उनके खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया, तो उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन बेहतर होता था।

 
 

By Raj Kumar - 27 Nov, 2019

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