प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने स्वीकार किया है कि बीसीसीआई के लोकपाल-सह-आचार अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन और सीओए के बीच हितों के टकराव पर कई मतभेद मौजूद है। जैन ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज क्रिकेटरों को नोटिस भेजे थे, जिसके कारण भारतीय क्रिकेट बिरादरी में बहुतों के साथ अच्छा नहीं हुआ।
"जिस तरह से हितों के टकराव को बताया गया है, सीओए का एक अलग मत है। हमारे पास सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोकपाल है और उन्होंने इस पर विचार किया। यह बहुत ही न्यायसंगत था क्योंकि जिस तरह से उन्होंने व्याख्या की, उन्होंने इसे कानूनी रूप से सही देखा होगा," विनोद राय ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा|
"यह हमें सौंपा गया था। हमने उनके साथ इस मुद्दे को उठाया कि हितों के टकराव के इस आवेदन पर हमें कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता है क्योंकि हम उस तरीके इसे नहीं देख रहे है जैसी इसकी व्याख्या की गई है। इसलिए, हमने इसे उनके संज्ञान में लाया और हम सुप्रीम कोर्ट गए।"
"चाहे वह सचिन तेंदुलकर हों, सौरव गांगुली हों या वीवीएस लक्ष्मण, यह एक आइकन होने की बात नहीं है। मुद्दा यह है कि खेल को एक विश्वसनीयता के साथ खेलना होगा," विनोद राय ने आगे कहा|
सीओए प्रमुख ने आगे कहा कि उनका मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय इस मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करेगा ताकि हितों के टकराव और उसकी व्याख्या के मामले में आगे कोई समस्या उत्पन्न न हो।