वसीम जाफर ने हाल ही में कहा कि विदर्भ की प्रतिभाओं को इंडिया ए, आईपीएल और दुलीप ट्रॉफी में मौका देना होगा ताकि वो अपनी क्षमताओं और मजबूत बल्लेबाजी को दिखा सके|
पिछले दो सत्रों में टीम की सफलता के बाद कुछ खिलाड़ी है जो ऊँचे लेवल पर खेले है| तेज गेंदबाज रजनीश गुरबानी को इंडिया ए में 2018-19 के न्यूजीलैंड दौरे के लिए चयनित किया गया था| उमेश यादव पिछले कई सालों में कई बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले है|
टीम के कप्तान फैज फजल, जिन्होंने अपना पहला और एकमात्र वनडे भारत के लिए 2016 में खेला था|
जाफर के अनुसार आईपीएल में खिलाड़ियों को महत्व न देना उनके लिए एक बड़ी निराशा है| उमेश यादव को छोड़कर 2018-19 की टीम के किसी भी खिलाड़ी ने लीग में 12 से अधिक मैच नहीं खेले है|
"विदर्भ के किसी भी खिलाड़ी को आईपीएल में नहीं चुना जाता है। यह उनके लिए एक बड़ा झटका है। अक्षय वाखरे और अक्षय कर्णवार जैसे खिलाड़ियों को कभी भी अपने कौशल का प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिला। उनके पास अच्छा प्रदर्शन है, लेकिन आईपीएल के स्तर पर नहीं, जिसमें हैरानी होती हैं," जाफर ने स्पोर्टस्टार से कहा|
"फैज फजल लगातार रन बना रहे है लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। यह मुझे आश्चर्यचकित करता है; उसके पास फिटनेस है, अच्छी टीमों के खिलाफ स्कोर करता है लेकिन यह मायने नहीं रखता है। [आदित्य] सरवते को कुछ ही मौके मिले थे। गणेश सतीश तो दलीप ट्रॉफी में भी नहीं हैं। और अक्षय कर्णवार के बाहर होने ने तो मुझे आश्चर्यचकित कर दिया है, उन्होंने कुछ शानदारी पारियां खेली है और रणजी ट्रॉफी के साथ ईरानी ट्रॉफी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।"
इस बार दुलीप ट्रॉफी के लिए चुने गए 44 खिलाड़ियों में सिर्फ 4 खिलाड़ी विदर्भ से शामिल है| ये फैज फजल, वाडकर, सरवते और वखारे है| सभी ने रणजी ट्रॉफी का पिछला सीजन खेला है|
"चयनकर्ताओं को हटकर सोचने की जरुरत है। उन्हें प्रदर्शन को देखना होगा, और उन प्रतिभाओं को साथ देना होगा। जैसे की उन्होंने विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या में देखा था, जब इन खिलाड़ियों को भारतीय टीम के लिए चुना गया था तो इन्होने ज्यादा घरेलु मैच नहीं खेले थे। लेकिन चयनकर्ताओं ने इनमे वो क्षमता देखी।"