वसीम इकबाल के लिए इस बार की ईद न बल्कि अजीब थी बल्कि उतनी ही ख़ास भी थी| जीवन में पहली बार, भारतीय शारीरिक विकलांगता टीम के 25 वर्षीय सलामी बल्लेबाज त्यौंहार के दिन घर से दूर थे।
सोमवार को जब वो पाकिस्तान के खिलाफ वर्स्टरशायर का किडरमिनस्टर क्रिकेट क्लब में पहले टी 20 शारीरिक विकलांगता विश्व चैम्पियनशिप के अंतिम लीग गेम में बल्लेबाजी करने उतरे, इकबाल कश्मीर में अनंतनाग जिले के गोपाल पोरा गांव में अपने परिवार के बारे में सोच रहे थे| उन्होंने अपने परिवार से अंतिम बार बात 3 अगस्त को संपर्क वर्जित होने से पहले की थी|
"मैं बहुत तनाव में था। मैं अभी भी हूँ। मैंने पिछले लगभग 10 दिनों से अपने परिवार से बात नहीं की है। मैच के लिए सब कुछ पीछे रखना और ध्यान केंद्रित करना मुश्किल था, वह भी पाकिस्तान के खिलाफ, हमारे लिए टूर्नामेंट का सबसे महत्वपूर्ण मैच। हालांकि, मैं इसे अपनी टीम के लिए बेहतर खेलने और जीतने में कामयाब रहा," इकबाल ने इंग्लैंड में कहा|
इकबाल ने मैच में 43 गेंदों में 69 रनों की पारी खेली थी और पाकिस्तान के 150 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को 17.1 ओवर में ही जीत दिला दी थी|
"मुझे मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। ईद पर ऐसा करना बेहद खास था, मेरे लिए यह बहुत बड़ा दिन था। दुर्भाग्य से, मेरे परिवार को इसके बारे में पता भी नहीं होगा। मैं उनके लिए चिंतित हूं और मुझे यकीन है कि वे मेरे लिए भी बहुत चिंतित होंगे। काश मैं उनके साथ बस कुछ ही मिनटों के लिए संवाद कर पाता। जब मैं इस टूर्नामेंट के लिए रवाना हो रहा था तो वे बहुत उत्साहित थे," इकबाल ने कहा|