खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को बीसीसीआई के नाडा के अंतर्गत आने के निर्णय का सम्मान किया और इसे खेल में साफ और पारदर्शी सरकार की और बड़ा कदम बताया|
खेल मंत्रालय द्वारा लम्बे समय से बीसीसीआई को नाडा के अंतर्गत लाने के प्रयास को आख़िरकार बीसीसीआई ने शुक्रवार को मान लिया| एक बेहद छोटा कदम जो भविष्य में कई बड़े बदलाव ला सकता है| रिजिजू ने इन घटनाओं को एक सकारात्मक मोड़ बताया|
"मैं कोई समस्या या विवाद अनसुलझा नहीं चाहता हूँ। सभी मतभेदों को सौहार्दपूर्वक हल किया जाना चाहिए क्योंकि मैं खेल और खेल व्यक्तियों के हित में खेल में स्वच्छ और पारदर्शी शासन में विश्वास करता हूं।" रिजूजू ने एक इंटरव्यू में मीडिया को बताया|
बीसीसीआई ने यह सब नाडा के तहत नहीं किया जबकि उन्हें डर था कि उनकी स्वायत्तता को चोट पहुंचेगी। उनके नीचे कई मुख्य क्रिकेटरों ने भी इसका विरोध किया था क्योकि इसके अनुसार इससे उनकी गोपनीयता को नुकसान पहुंचेगा|
हालाँकि बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी और खेल सचिव राधेश्याम झुलानिया के बीच हुई एक बैठक में सभी आशंकाओं को दूर कर दिया गया था जिसके बाद वो डोपिंग रोधी कॉड के अंतर्गत आने को तैयार हुए|
"मैंने बीसीसीआई को समझाया की आपके पास कोई विकल्प नहीं है कानून को पालन करने का या न करने का। कानून सबके लिए सामान है।" बीसीसीआई से मीटिंग के बाद जुलानिया ने कहा|