टीम इंडिया 2019 आईसीसी विश्व कप से बाहर हो गई हैं| विश्व कप से पहले भारत के मध्यक्रम को लेकर काफी चिंताएं थीं, खासकर की नम्बर चार को लेकर| यहाँ तक कि, कई खिलाड़ियों ने कोशिश भी की और उनका परीक्षण भी किया गया, लेकिन कोई भी उन अवसरों को हासिल करने में सफल नहीं हो पाया|
जिसके चलते टीम प्रबंधन सही उम्मीदवार की पहचान करने में विफल रहा| अंबाती रायडू, विजय शंकर, दिनेश कार्तिक और मनीष पांडे जैसे खिलाड़ी उस मौके को हासिल की अपनी कोशिशों में असफल रहे|
इस बीच पूर्व बीसीसीआई सेक्रेटरी संजय जगदाले का मानना है कि प्रबंधन ने रायुडू को बाहर करके सही काम किया| उनका कहना हैं कि रायडू के साथ-साथ कार्तिक को भी पर्याप्त मौके दिए गए थे और वे खुद को साबित करने में असफल रहे| इसके विपरीत वह मनीष पांडे और रिषभ पंत जैसे खिलाड़ियों पर अधिक भरोसा दिखाना चाहते थे|
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने बताया हैं कि, "वे (चयन समिति) विजय शंकर, अंबाती रायडू, दिनेश कार्तिक के साथ प्रयोग करते रहे, कार्तिक 2003से खेल रहे हैं, जब मैं टीम इंडिया का चयनकर्ता था| रायडू भी तभी से खेल रहे हैं| आप आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर टीमों का चुनाव नहीं कर सकते हैं| आपको ऐसे खिलाड़ियों की ज़रूरत है, जिन्होंने उप-महाद्वीप के बाहर अच्छा प्रदर्शन किया हो|"
पूर्व बीसीसीआई सेक्रेटरी ने कहा हैं कि, "मैं बहुत हैरान हुआ था, जब पंत का चयन नहीं किया गया था| मुझे मनीष पांडे जैसे किसी खिलाड़ी के लिए भी दुःख है| श्रेयस अय्यर भी दुर्भाग्यशाली थे| मुझे रायडू के लिए बिल्कुल भी दुखी नहीं हूआ |रायडू, कार्तिक के पास टीम में जगह पक्की करने के पर्याप्त मौके थे| मनीष पांडे ने ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाया था| उसके बाद उन्हें बहुत सारे मौके नहीं दिए गए| मुझे लगता है कि तैयारी का हिस्सा बहुत बेहतर हो सकता था| वे गलत खिलाड़ियों का समर्थन कर रहे थे|"