पूर्व भारतीय और यूएई के कोच मदन लाल का कहना हैं कि भारत की उम्मीदें इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले विश्व कप में भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देख सकती हैं| लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी हैं कि यह लाभकारी भी हो सकता है|
खलीज टाइम्स से बात करते हुए भारत की 1983 की विश्व कप विजेता टीम के प्रमुख सदस्य लाल ने कहा यहीं कि, "वे अपने कंधों पर बहुत सी उम्मीदों का भार लिए हुए हैं और यही मेरी चिंता है, अतिरिक्त दबाव आप में से सबसे अच्छा प्रदर्शन बाहर ला सकता हैं या फिर आप कमज़ोर भी पड़ सकते हैं|"
उन्होंने कहा हैं कि, "विश्व कप एक अलग गेंद का खेल है और यह बहुत ही खुला विश्व कप है|" उन्होंने इस बात पर भी गौर किया हैं कि मेजबान इंग्लैंड ने मेगा टूर्नामेंट का खिताब नहीं जीता है और इस बार वे भारत के साथ एक मजबूत पसंदीदा टीम बनी हुई हैं|"
पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने कहा हैं कि, "मैं वेस्टइंडीज को भी नज़रअंदाज़ नहीं करूँगा, वे अज्ञात उम्मीदवार हो सकते हैं और अफगानिस्तान भी इस टूर्नामेंट में टीमों को परेशान कर सकता है|" लाल का मानना हैं कि भारत एक बहुत अच्छा पक्ष हैं लेकिन वे चाहते हैं, कि तेज़ गेंदबाज़ अच्छा प्रदर्शन करें|
पूर्व मध्यम तेज गेंदबाज का कहना हैं कि, "मेरा मानना है कि अगर आपके पास अच्छी गति का आक्रमण है तो आप शुरुआत में 3-4 विकेट ले सकते हैं| गेंद इंग्लैंड में टर्न नहीं होगी, इसलिए यहाँ तेज़ गेंदबाज़ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन गेंदबाजी इकाई को अच्छा प्रदर्शन करना होगा|"
उनका कहना हैं कि भारत के गुणवत्ता वाले स्पिनर द्वारा शुरुआती विकेटों का फायदा उठाया जा सकता हैं| मदन ने चेतावनी दी हैं कि, "भारत के पास एक अच्छा आक्रमण हैं| जिसने पिछले छह महीनों में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अब अन्य टीमों ने उन्हें अच्छी तरह से खेलना शुरू कर दिया है|"
उन्होंने भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेने की सलाह देते हुए कहा हैं कि, "किसी को क्रम की जिम्मेदारी लेनी होगी और हमारे पास (एमएस) धोनी, (केदार) जाधव और हार्दिक पांड्या के रूप में अच्छे बल्लेबाज हैं|"
विश्व कप टीम में दिल्ली के विकेटकीपर रिषभ पंत का चयन न होने पर उन्होंने कहा हैं कि, "मैंने पंत के लिए महसूस किया, वह बहुत ही रोमांचक प्रतिभा है| वह एक मैच विजेता है, लेकिन कभी-कभी टीम प्रबंधन कुछ अलग ही सोचते हैं, कि क्या मायने रखता है और टीम प्रबंधन क्या चाहता हैं|"