ऑस्ट्रेलिया में अपने टेस्ट डेब्यू को आसान बनाने वाले मयंक अग्रवाल अब खुद को सभी फॉर्मेट में भारत के पसंदीदा सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित करना चाहते हैं|
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अग्रवाल ने कहा हैं कि, "जाहिर है कि मेरा लक्ष्य तीनों प्रारूपों में देश के लिए खेलना है| जब भी मुझे अवसर मिलता हैं, मैं खेलूंगा| मैं देश के लिए सीमित ओवरों की क्रिकेट खेलने का इंतज़ार कर रहा हूँ| मुझे लगता है कि मेरे पास खेल है (प्रारूपों में सफल होने के लिए)|"
अग्रवाल ने कहाँ कि, "मूल वही रहता है, चाहे आप टेस्ट क्रिकेट, एकदिवसीय क्रिकेट या ट्वेंटी20 क्रिकेट खेल रहे हों| आपको केवल अपने खेल और योजना को उस प्रारूप के अनुसार बदलना होगा जो आप खेल रहे हैं और जिस स्थिति में आप इसे निष्पादित कर रहे हो|"
उन्होंने सिडनी में ड्रॉ के अंतिम टेस्ट में नाथन लियोन को अपना विकेट देने के पहले 77 रन बनाए थे, अगर वह इसमें आउट नहीं होते, तो यह उनका पहला टेस्ट शतक होता| उन्होंने बताया कि, "मैं अभी भी उस बारे में निराश हूँ| मैं वहाँ शतक बना सकता था| मैं उस पर आक्रमण करना चाह रहा था| मैंने उस गलती से सीख लिया है|"
"टेस्ट क्रिकेट खेलना एक शानदार अनुभव था| मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस, और जोश हेजलवुड और (स्पिनर) नाथन लियोन जैसे गेंदबाजों ने मुझे अपने खेल के कुछ पहलुओं के बारे में बताने के लिए बहुत अच्छी जानकारी दी| इससे मुझे ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन बनाने के लिए काफी आत्मविश्वास मिला|"
चेतेश्वर पुजारा के साथ खेलने के बारे में उन्होंने कहा हैं कि, "यह एक बहुत अच्छा अनुभव था| जब वह बल्लेबाजी करते हैं, तो वह बहुत शांत और धैर्य बनाये रखते हैं| गेंदबाजों छकाने और बचाव करने और अपनी ताकत से खेलने के लिए उन्हें नॉन-स्ट्राइकर एंड से देखना बहुत अच्छा था| उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है|"